क्राइम
नौकरी के नाम पर ऑनलाइन ठगी,अन्तर्राज्यीय गैंग का लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस ने किया भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
नौकरी के नाम पर ऑनलाइन ठगी का धंधा नई बात नहीं हैं। कोरोना काल में सैंकड़ों लोगों की नौकरियां चली जाने के कारण इसमें और इजाफा हो गया है। फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग सक्रिय हो गए हैं। लोगों को मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब का झांसा देकर ठगी की जा रही है। इस बीच लखनऊ की साइबर क्राइम पुलिस ने एक ऐसे ही अन्तर्राज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं से ठगी करता था। गैंग के सरगना सहित 03 लोगों को गिरफ्तारी हुई है।
लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार यह गैंग ऑनलाइन जॉब पोर्टल साइन.क़ॉम (Shine.com) से जॉब सीकर्स का डाटा निकाल कर फर्जी वेबसाइट (www.monsterindia,org) पर नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर लोगों का नेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड और उनके बैंक अकाउंट से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त कर ठगी करते थे। आरोपियों की पहचान मुदित शर्मा, अमर श्रीवास्तव और विष्णु शर्मा के तौर पर हुई है। मुदित और अमर अशोक विहार फेज 3 दिल्ली के रहने वाले हैं। विष्णु कानपुर नगर का रहने वाला है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अभी कई और परतें भी खुल सकती हैं। गिरफ्तार आरोपी ऑनलाइन जॉब तलाश रहें युवाओं को निशाना बनाते थे। उनका डाटा चोरी करके उनको फर्जी सिम से फोन करते थे और उन्हें नौकरी देने का भरोसा दिलाते थे। फिर किसी तरह मोटी रकम वसूला करते थे। इन्होंने www.monsterindia.com से मिलता जुलता एक फर्जी वेबसाइट www.monsterindia.org भी बनाई थी। इसके माध्यम से वे लोगों की बैंक संबंधित अन्य जानकारी का डाटाबेस तैयार करते थे।
पुलिस के अनुसार गत 10 जुलाई को रायबरेली रोड स्थित साउथ सिटी की रहने वाली दीपा यादव ने एक लाख रुपये की ठगी का केस दर्ज कराया था। इसी मामले के संबंध में इन तीनों की गिरफ्तारी हुई है। गैंग ने दिल्ली के रोहिणी और शादीपुर में किराए पर फ्लैट लेकर लोगों से ठगी का काम शुरू किया था। इन्होंने दीपा को फोन करके नौकरी का झांसा देकर एक लाख रुपये की ठगी की। इनके पास से दो लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 17 एटीएम कार्ड, 9 सिमकार्ड, वेबसाइट डाटा, आधार और पैनकार्ड बरामद हुआ है।