क्राइम
NHAI के खाते से 13.5 करोड़ रुपये उड़ाए, IndusInd बैंक का मैनेजर और कैशियर गिरफ्तार;नकली चेक छापकर लगाया चुना
उत्तराखंड: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में इंडसइंड बैंक के मैनेजर और कैशियर को फर्जी चेक का इस्तेमाल करके 13.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया। इस स्कैम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकरण (CAL) के संयुक्त खाते से बड़ी रकम निकालना शामिल था।
बैंक अधिकारियों की जालसाजों के साथ मिलीभगत के सबूत मिलने के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस के अनुसार, विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी कौस्तुभ मिश्रा ने 2 सितंबर को ट्रांजिट कैंप थाने में बैंक मैनेजर देवेंद्र सिंह निवासी काशीपुर और कैशियर प्रियम सिंह निवासी रुद्रपुर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच के लिए पांच पुलिस टीमें बनाई गई थीं।
आरोपी व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपराधियों के सीधे संपर्क में थे
पुलिस ने जानकारी दी कि 28 और 31 अगस्त और 2 सितंबर की सीसीटीवी फुटेज की जांच करने और बैंक कर्मचारियों से पूछताछ करने के बाद पता चला कि तीन अलग-अलग व्यक्ति फर्जी चेक जमा करने के लिए बैंक गए थे। एक संदिग्ध को बैंक मैनेजर के केबिन में काफी समय बिताते देखा गया, जिससे उसकी संलिप्तता की पुष्टि हुई। आरोपी व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपराधियों के सीधे संपर्क में थे, जो धोखाधड़ी में उनकी मिलीभगत को दर्शाता है। इस सबूत के आधार पर बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। फर्जी चेक जमा करने वाले तीन पहचाने गए संदिग्धों को पकड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
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कलर प्रिंटिंग मशीन पर चेक छापा
आगे की जांच में पता चला कि स्कैम को कलर प्रिंटिंग मशीन पर छपे चेक की रेपलिका का उपयोग करके अंजाम दिया गया था। बड़े ट्रांजेक्शन के बावजूद, बैंक अधिकारी चेक को वैरिफाई करने के लिए मैगनेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन (MICR) चेकर्स या UV मशीनों का उपयोग करने में विफल रहे।
SMS अलर्ट को ब्लॉक कर दिया गया
इसके अलावा, खाताधारकों को भेजे जाने वाले सामान्य SMS अलर्ट को ब्लॉक कर दिया गया, जो अंदरूनी लोगों की संलिप्तता का संकेत देता है। पुलिस के अनुसार नकद किए गए चेक पर संख्याओं के अनुरूप मूल चेक विशेष भूमि अधिग्रहण कार्यालय में चेक बुक में बरकरार पाए गए। इससे पुष्टि हुई कि वे कलर पेपर पर छापे गए थे पुलिस ने BNS धारा 61 (2), 316 (5) और 238 के तहत लगभग 7.5 करोड़ रुपये फ्रीज करने में कामयाबी हासिल की और शेष राशि को सुरक्षित करने के प्रयास जारी हैं।
रकम यूपी, हरियाणा, चंडीगढ़, जयपुर और मुंबई स्थित फर्मों में ट्रांसफर
अधिकारियों के अनुसार, जालसाजों ने तकनीकी प्रक्रियाओं को दरकिनार करने और जांच से बचने के लिए व्यक्तिगत खातों के बजाय फर्मों को रकम ट्रांसफर किया। रकम को यूपी, हरियाणा, चंडीगढ़, जयपुर और मुंबई स्थित फर्मों में ट्रांसफर किया गया और बाद में RTGS और अन्य तरीकों से कई खातों में भेजा गया। यूपी और हरियाणा के दो व्यक्तियों के खातों में बड़ी रकम आई है। उन्होंने संपर्क किया है। रकम रिकवर के लिए टीमें भेजी गई हैं।
स्कैम सिर्फ रुद्रपुर तक सीमित नहीं
पुलिस के अनुसार स्कैम सिर्फ रुद्रपुर तक सीमित नहीं है। यूपी के शामली और बागपत जिलों में एसएलएओ खाते से फर्जी चेक का उपयोग करके 4.5 करोड़ रुपये की इसी तरह की धोखाधड़ी की गई थी। मामला दर्ज कर लिया गया है और गिरफ्तार बैंक अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। ऐसा संदेह है कि अन्य स्थानों के एसएलएओ के नाम पर भी चेक जारी किए गए होंगे। इसी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए देश भर में एनएचएआई परियोजना निदेशकों और एसएलएओ को जानकारी दी जा रही है।