क्राइम
बिहार का जामताड़ा बना नवादा, लोगों को ठगकर आलीशान जिंदगी जी रहे साइबर ठग
झारखंड़ के जामताड़ा को साइबर ठगी का कैपिटल कहा जाता है। यहां के साइबर ठग लोगों को चूना लगाकर आलीशान जिंदगी जी रहे हैं। कभी झुग्गी, झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कोठी बनवा ली है। लग्जरी कार से चलने लगे हैं। ठीक ऐसी ही हालत बिहार के नवादा जिले का है। यहां भी साइबर ठग आलीशान जिंदगी जी रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि वे मकान, वाहन सब कैश में खरीदते हैं मगर उनके पास रुपये कहां से आए, इसका पता लगाने वाला कोई नहीं होता।
नवादा जिले के वारिसलीगंज, पकरीबरावां, रोह थाना क्षेत्र के कुछ गांवों में कई लोगों के मकान अचानक आलीशान हो गए। बहुमंजिला मकान और उसकी खूबसूरती ऐसी कि शहरों के मकान भी उसके आगे फीके हो जाएंगे।
घरों के आगे लग्जरी और कीमती वाहन शोभा बढ़ा रहे। लेकिन ऐसे गृहस्वामियों की आमदनी का जरिया…, यह स्थानीय लोगों के लिए रहस्य है। घरों में न कोई नौकरी-पेश वाला, न ही कोई इंड्रस्टी का मालिक। बावजूद रातोंरात मालामाल हो रहे हैं। उनकी शानो-शौकत देख ग्रामीण हतप्रभ हैं। उन्हें भी पता है कि यह काली कमाई का खेल है। क्षेत्र में पांव जमा चुके साइबर अपराधियों ने यह संपत्ति अर्जित की है।
साइबर माफिया के भय से ग्रामीण खुलकर कुछ नहीं बोलते, लेकिन दबी जुबान से स्वीकार करते हैं कि इलाका दूसरा जामताड़ा बन चुका है। पुलिस या फिर आर्थिक अपराध इकाई इस मामले में गंभीरता से काम करे तो गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है।
साइबर अपराध में काली कमाई और गिरोह के सदस्यों की चकाचौंध देख अब युवतियां भी इस ओर रुख करने लगी हैं। कई लोगों को फोन पर अब युवतियों की आवाज सुनने को मिलती है, जो खुद को कस्टमर केयर, बैंक अधिकारी आदि बताते हुए ग्राहकों को फंसाने का काम करती हैं। हालांकि अभी तक किसी भी युवती की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे यह आधिकारिक रूप से कहा जाए कि युवतियां साइबर अपराध की दुनिया में कदम रख रही हैं। लेकिन लोगों को आने वाले फोन काल इस ओर इशारा जरुर करते हैं।
वारिसलीगंज के विभिन्न गांवों में पांव जमाने के बाद साइबर माफिया अब जिले के दूसरे थाना क्षेत्रों के गांवों में युवाओं को जोडऩे लगे हैं। हाल के महीनों में हुई गिरफ्तारी पर गौर करें तो स्थिति साफ हो जाएगा। अकबरपुर, शाहपुर, रोह, नवादा नगर, पकरीबरावां, काशीचक आदि थाना क्षेत्रों से भी साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। हैलो गिरोह से जुड़े सदस्य जिले के विभिन्न गांवों में पैर जमाने के मूड में है।
सूत्र बताते हैं कि पुलिस की लगतार दबिश के बाद हैलो गिरोह से जुड़े लोग काली कमाई को सफेद करने में जुटे हुए हैं। संपन्न पंचायत चुनाव में कई लोगों ने भाग्य की आजमाईश भी की। चुनाव में पानी की तरह पैसे बहाए गए। पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि चकवाय में 17 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद एक मुखिया का नाम भी सामने आया है, जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस इसका सत्यापन करने और सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है।
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