क्राइम
UPI गूगलपे (GPay), पेटीएम (Paytm), फोनपे (PhonePe) से कर रहे पेमेंट तो हो जाए सावधान, साइबर अपराधी ऐसे बना रहें है लोगो को शिकार
मनीष सिंह, आजमगढ़: UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस इससे आप मोबाइल वॉलेट के जरिए किसी दूसरे के बैंक खाते में पैसे भेज सकते हैं. इस तकनीक से आप कहीं से भी किसी भी समय फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. अब लोग मॉल में शॉपिंग से लेकर सब्जी और राशन के लिए भी डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने लगे हैं. गूगलपे (GPay), पेटीएम (Paytm), फोनपे (PhonePe), अमेजनपे (Amazon Pay) जैसे यूपीआई एप्स (UPI Apps) ने डिजिटल बैंकिंग को आसान बना दिया है. इसके साथ ही बैकिंग फ्रॉड (Banking Fraud) के खतरे बढ़ गए हैं।
साइबर ठग आपकी गाढ़ी कमाई को चूना लगाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं।
कैशबैक फ्रॉड (Cashback Fraud):
साइबर ठग कैशबैक (Cashback), गिफ्ट वाउचर (Gift Voucher), स्क्रैच कार्ड (Scratch Card) आदि का प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं. आपको यूपीआई ऐप से होने का दावा करने वाले लिंक के साथ एक SMS प्राप्त होता है और आपको रोमांचक कैशबैक पुरस्कारों को क्लिक करने और Unlock/Redeem करने का आग्रह किया जाता है। अगरआपने लिंक पर क्लिक किया और इनाम का क्लेम करने के लिए कदम उठाया तो जालसाज आपका खाता खाली कर देगा। कुछ धोखेबाज आपको कॉल भी कर सकते हैं और आपको UPI ऐप पर कैशबैक प्राप्त करने के लिए कह सकते हैं, जो आपकी नोटिफिकेशन/बेल आइकन पर दिखाई देने वाले पेमेंट लिंक को स्वीकार करता है।
UPI ऐप कॉल या लिंक पर कैशबैक या इनाम नहीं देता है। कैशबैक का वादा करने वाले कोई भी URL, सोशल मीडिया पोस्ट या फ़ोन कॉल भ्रामक हैं। कैशबैक के लिए ग्राहकों को अपना UPI पिन दर्ज करने के लिए कभी नहीं कहा जाता है। UPI पिन की आवश्यकता तभी होती है जब आप अपने बैंक खाते से पैसा भेजते हैं।
QR कोड फ्रॉड (QR Code Fraud):
अब साइबर अपराधी QR कोड स्कैनिंग के जरिए भी लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करते वक्त हम QR कोड को स्कैन करते हैं और पैसे ट्रांसफर करते है. बस इसी का फायदा फ्रॉडस्टर उठाते है. ऐसे लोग QR कोड को बदल देते है. जिससे आपका पेमेंट दुकानदार के पास न जाकर फ्रॉडस्टर के अकाउंट में चला जाता है।
कैस बरतें सावधानी
- किसी दुकान के बाहर लगे QR कोड या पेट्रोल पंप पर लगे QR कोड को स्कैन करते समय अलर्ट रहें. स्कैमर ओरिजनल QR कोड को अपने QR कोड से बदल सकते हैं.
- ध्यान रखें जब भी QR कोड स्कैन करके पेमेंट करें तो रिसीवर का नाम जरूर कन्फर्म कर लें.
- मैसेज और ई-मेल पर आए अनजान और नए QR कोड को स्कैन करने से बचें.
- QR कोड स्कैन करने से पैसा आपके खाते से कटता है न की पेमेंट रिसीव होता है.
Collect Request फ्रॉड
आए दिन ये घटनाये हो रहे है कि ठगों ने पेमेंट (Payment) भेजने के नाम पर बैंक खाते (Bank Account) से रुपये उड़ा लिए. दरअसल हर यूपीआई (UPI) में पेमेंट से जुड़े दो ऑप्शन होते हैं. एक होता है किसी को पैसे भेजने का, दूसरा होता है पेमेंट रिसीव करने के लिए रिक्वेस्ट भेजने का. ठग कई बार आपसे किसी डील (Deal) के बहाने कहते हैं कि वो पैसे भेज रहे हैं, लेकिन वो भेजने की जगह रिक्वेस्ट जेनरेट करते हैं. आप जैसे ही पिन डालते हैं तो आपके पैसे कट जाते हैं. इसलिए पिन डालने से पहले मैसेज (Message) जरूर ठीक से पढ़ें. कॉल पर रहते हुए कोई ट्रांजेक्शन न करें, मर्चेंट हैं तो पेमेंट डिटेल में नाम जरूर देखें ।
UPI आईडी स्पूफिंग (UPI ID Spoofing):
साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए जालसाज बड़ी बड़ी कंपनियों (Flipkart, Olx) के UPI ID की Spoofing का इस्तेमाल कर रहे है। इसे चकमा देना भी कहा जा सकता है । इसमें साइबर ठग कंपनियों के मिलते जुलते फर्जी UPI आईडी बनाते है और आपसे किसी डील (Deal) के बहाने पैसे मंगा लेते है. पेमेंट करने से पहले मर्चेंट की UPI आईडीउपी को जरुर चेक कर ले।
फर्जी वेबसाइट फ्रॉड (Fake websites Fraud):
ऑनलाइन मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म्स पर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जालसाज नौकरी, सामान, खाना, गिफ्ट आदि की फर्जी वेबसाइट बनाकर आपको फ़ोन करके सस्ते सामान का लालच देकर आपसे UPI डिटेल प्राप्त कर लेते है उसके बाद आपके साथ वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देते है|
फेक कस्टमर केयर फ्रॉड (Fake Customer Care Fraud):
UPI एप से पेमेंट करते समयजब भी हमारा Transaction Success नहीं होता है या किसी कारण से पेमेंट रिसीव होने में देरी होती है तो हम तुरंत कस्टमर केयर नंबर की तलाश गूगल पर करते है. गूगल पर मौजूद अनगिनत कस्टमर केयर नंबर फेक है, जो कि ठगों द्वारा डाले गए है। वे आपकी समस्या का समाधान बताते हुए आपसे बैंक डिटेल, UPI डिटेल या कोई रिमोट सपोर्ट एप डाउनलोड कराकर आपके बैंक खाते खाली कर देते है| किसी तरह की समस्या के लिए UPI एप के सपोर्ट आप्शन से सहायता ले|
सावधान रहे, सजग रहे, फ़ोन या ईमेल पर आये अंजान लिंक पर यूपीआई पिन का इस्तेमाल कतई ना करें, अपना यूपीआई पिन किसी के साथ भी शेयर ना करें | साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन न० 155260 या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत रजिस्टर करे |
–मनीष सिंह, साइबर क्राइम थाना आजमगढ़