क्राइम
स्क्रीन शेयरिंग एप से कर रहे थे साइबर ठगी, जामताड़ा पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
जामताड़ा में बैठकर साइबर क्रिमिनल स्क्रीन शेयरिंग एप(Screen Sharing App9 से मोबाइल को हैक कर लेते थे और साइबर क्राइम की वारदात को अंजाम दे रहे थे। झारखंड के जामताड़ा(Jamtara) में बैठकर दूसरे राज्यों के लोगों को निशाना बनाने वाले साथ साइबर क्रिमिनल को जामताड़ा साइबर सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को उनके पास से कई जानकारी मिली है।
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शेयरिंग स्क्रीन एप से ऐसे कर रहे थे ठगी
जामताड़ा में बैठकर यह Cyber Criminals अलग-अलग तरीके से साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। हालांकि इसमें सबसे अधिक मोबाइल शेयरिंग एप के माध्यम से ठगी कर रहे थे। यह Cyber Criminals क्रेडिट और डेबिट कार्ड बंद होने का झांसा देकर लोगों से संपर्क करते थे। इसके लिए इन लोगों के पास एक डाटा बैंक होता था और वहां से नंबर निकाल कर डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड होल्डर को फोन करते थे और उन्हें बैंक कर्मी बनकर विश्वास दिलाते थे कि उनका कार्ड बंद हो जाएगा। इसके बाद अलग-अलग तरीके से झांसा देकर मोबाइल शेयरिंग एप का इस्तेमाल करते थे और उनके पास एक लिंक भेजते थे। इस लिंक को क्लिक करते ही यह ऐप डाउनलोड (App Download) हो जाता था और पीड़ित का मोबाइल का एक्सेस इन साइबर क्रिमिनल्स के पास आ जाता था। इस तरह मोबाइल का इस्तेमाल कर यह लोग लाखों की छवि को अंजाम दे रहे थे।
यूपी बिहार और महाराष्ट्र के लोग थे निशाने पर
जामताड़ा साइबर सेल की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इन लोगों के निशाने पर बिहार यूपी और महाराष्ट्र के लोग थे। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि इन तीनों राज्यों के लोगों का डाटा बैंक इनके पास था। पुलिस अब यह पता लग रही है कि डाटा इन आरोपियों को कहां से मिला था। हालांकि बताया जा रहा है कि इन लोगों ने ऑनलाइन डाटा प्राप्त किया था।प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि इन आरोपियों ने 50 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है और कई लोग इनके निशाने पर थे। पुलिस की टीम इस गिरोह के अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रही है।
इस तरह बरतें सावधानी
- मोबाइल या कंप्यूटर पर आने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। यह खतरनाक हो सकता है।
- डेबिट क्रेडिट कार्ड के संबंध में आने वाले किसी कॉल पर भरोसा ना करें। इसके लिए नजदीकी बैंक शाखा में जाकर खुद जानकारी प्राप्त करें।
- फोन पर किसी के कहने से कोई भी ऐप डाउनलोड ना करें अन्यथा आपका मोबाइल हैक हो सकता है।
- किसी तरह के साइबर फ्रॉड होने पर 1930 पर कॉल करें।
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