क्राइम
सरकारी स्कीम के नाम पर eKYC और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करके हज़ारो फ़र्ज़ी Mobile SIMs निकालने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफ़ाश : Cyber Police देहरादून
कार्यालय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, स्पेशल टास्क फोर्स, देहरादून, उत्तराखंड:
- उत्तराखंड एसटीएफ (साइबर पुलिस स्टेशन गढ़वाल रेंज) ने एक राष्ट्रीय घोटाले का नागपुर में भंडाफोड़ किया है, जहां नए सिम कार्ड जारी करने के लिए लोगों का बायोमेट्रिक लिया गया
- दोनों महिला अभियुक्त सोशल मीडिया साईट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देने वाले गिरोह के सदस्यों को उपलब्ध करवाती थी हज़ारों सिम कार्ड
- दूरसंचार विभाग ने ईकेवाईसी मानदंड जारी किए हैं जहां बायोमेट्रिक आधारित सत्यापन और लाइव फोटो अनिवार्य है। ऐसे गिरोह योजना के नाम पर गांवों में जाकर लोगों की फोटो और बायोमेट्रिक ले रहे हैं ताकि नया सिम कार्ड जारी कराया जा सके
- दोनों महिला अभियुक्तगण आमजन मानस के आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों के बायोमेट्रिक लेकर सिम कार्ड एक्टिवेट करवाकर साईबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को ऊंचे दामों पर करवाती थी उपलब्ध।
- अभियुक्तगण द्वारा उन सिम कार्डो को अन्य व्यक्तियों के चालू खाते खोलकर उसमें इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव करवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग किट प्राप्त कर लॉग-इन आईडी पासवर्ड बनाकर धोखाधडी हेतु करते थे प्रयोग
- 01 महिलाअभियुक्त के पुत्र का विदेश (फिलीपींस) में रहकर तथा वहां के साईबर अपराधियों से सम्पर्क होना भी प्रकाश में आया ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 श्री नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद देहरादून निवासी पीड़ित द्वारा दर्ज कराया जिसमें उनके टेलीग्राम में एक ऑनलाईन ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उनको एक अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जुडना बताया गया, चैंटिग करने के उपरांत शिकायतकर्ता को एक अन्य लिंक के माध्यम से एक इन्वेस्टमेंट ग्रुप में जोडकर तथा उक्त ग्रुप में पूर्व से जुडे लोगों द्वारा उसमें अपने प्रॉफिट की धनराशि के स्क्रीनशॉट शेयर किया जाना बताया जिसमें ऑनलाईन स्टाक मार्केट शेयर खरीदे व बेचे जाना बताया गया ।
शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाईन ट्रेडिंग करने के लिये अभियुक्तगणों द्वारा व्हाटसप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 23 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।
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प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा एडिशनल एसपी चंद्र मोहन सिंह को दिया गया निर्देश | पर्यवेक्षण अधिकारी अंकुश मिश्रा के साथ एक टीम गठित की गई जिन्होंने मामले का प्रारंभिक विश्लेषण किया और विवेचना निरीक्षक देवेंद्र नबियाल को सौंपा गई।
साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के खातों (कमीशन बेस्ड खाते) का प्रयोग कर धोखाधडी की गयी धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु प्रयोग करते थे ।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किया गया । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना की दो अभियुक्तो 1- पुष्पा बारापत्रे पुत्री श्री हीरामन बारापात्रे निवासी-गीडोबा मंदिर थाना बाट्ठोडा जिला नागपुर, 2- श्रीमति यदम्मा सुल्तान पत्नी रामलु सुल्तान निवासी-गणेश अपार्टमेंट दिघोरी को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तो की तलाश जारी की । जानकारी में आया की दोनों महिला अभियुक्ता भारत से बाहर विदेशी साईबर अपराधियों के लगातार सम्पर्क में है तथा एक अभियुक्ता यदम्मू सुल्तान का पुत्र राजू सुल्तान फिलिपींस में रहता है ,जो कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड है।
दोनों महिला अभियुक्ता के द्वारा आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों के बायोमेट्रिक लेकर उससे सिम एक्टिवेट करवाकर राजू सुल्तान को कोरियर के माध्यम से फिलीपींस भेजे जाते थे, जिसकी एवज में एक मोटी धनराशि दोनों महिला अभियुक्ता को भेजी जाती थी।
महिला अभियुक्ता की तलाश हेतु टीम गठित कर नागपुर व आसपास के स्थानो पर भेजी गयी । साईबर पुलिस टीम को तकनीकी बिन्दुओं के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी तथा टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में प्रकाश में आयी दोनों महिला अभियुक्ता को धारा41(ए ) सीआरपीसी का नोटिस तामिल कराया गया । तलाशी में महिला अभियुक्त पुष्पा बारापात्रे से घटना में प्रयुक्त 01 अदद मोबाइल फोन बरामद हुआ है । साईबर पुलिस की जांच पडताल में अभियुक्ता पुष्पा बारापात्रे , यदम्मू सुल्तान तथा गिरोह के फिलीपींस में निवासरत मास्टरमाइंड राजू बारापात्रे के मध्य काफी मोटी मात्रा में धनराशि का लेनदेन भी सामने आया है।
घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन में कई बैंक खातों, काफी मात्रा में सिम कार्ड की फ़ोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है तथा अभियुक्तों के वाट्सअप के माध्यम से अन्य साईबर अपराधियो से सम्पर्क में होने के साक्ष्य प्राप्त हुये है । दोनों आरोपी महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है|
अपराध का तरीका
अभियुक्तो द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी । अभियुक्त वाट्सअप ग्रुप में विभिन्न शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे तथा खुद को अधिक लाभ होने के बात करते थे जिससे ग्रुप के जुडे पीड़ित इनकें झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे ।
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इन्वेस्ट की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी लिंक का प्रयोग करते थे जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो/डेसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी । जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था । विड्राल के नाम पर यह साईबर अपराधि पीड़ित के खाते में कभी कभी कुछ छोटी धनराशि भी भेज देते थे । जिससे पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था । अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण करते थे ।
अभियुक्तगणों द्वारा उक्त कार्य हेतु अन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर (कमीशन बेस्ड खातों) का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । यहां अपराधि यह भी विशेष रुप से ध्यान देते थे, कि इन खातों की विड्राल लिमिट कितनी है अधिक लिमिट वाले खाते इनकी प्रार्थमिकता में होते थे ।
पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा वर्तमान समय तक लगभग 4 से 5 हजार सिम कार्ड राजू सुल्तान को फिलीपींस भेजे गए हैं। उसने कई लोगों के बायोमेट्रिक लेकर कई हजार सिम कार्ड एक्टिवेट किये हैं। बैंक खातो में लिंक मोबाइल नम्बर उसी के द्वारा राजू सुल्तान को उपलब्ध कराए जाते थे। साईबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है ।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तों ने साईबर अपराध हेतु विभिन्न लोगों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर बायोमेट्रिक लेकर सिम कार्ड एक्टिवेट कर उन सिम कार्ड का प्रयोग साईबर अपराध में प्रयुक्त बैंक खातों के मैसेज अलर्ट नम्बरों के रूप में को ठगी गयी धनराशि को जमा करने व निकालने में स्वीकार किया गया है ।
दोनों महिला अभियुक्ता के बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में लाखों रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन महिला अभियुक्ता के द्वारा एक्टिवेट किये गए मोबाइल नम्बरों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में साईबर अपराधों की शिकायतें दर्ज है ।
दोनों महिला अभियुक्ता का नाम व पता-
1- पुष्पा बारापत्रे पुत्री श्री हीरामन बारापात्रे निवासी-गीडोबा मंदिर थाना बाट्ठोडा जिला नागपुर,
2- श्रीमति यदम्मा सुल्तान पत्नी रामलु सुल्तान निवासी-गणेश अपार्टमेंट दिघोरी नाका थाना हुडकेश्वर जिला नागपुर महाराष्ट्र
बरामदगी-
01 मोबाइल फोन, 09 डेबिट कार्ड विभिन्न बैंकों से सम्बन्धित, 01 आधार कार्ड, 01 पैन कार्ड, 01 वोटर आईडी
गिरफ्तारी पुलिस टीम
इस ऑपरेशन का नेतृत्व अंकुश मिश्रा, उप पुलिस अधीक्षक (DySP), साइबर क्राइम, उत्तराखंड ने किया, और उनकी टीम में निरीक्षक श्री देवेंद्र सिंह नबियाल और अन्य अधिकारी शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिंह महोदय द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे You Tube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें।
किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।