क्राइम
कानपुर: इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट देकर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से जुड़े हैं तार
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कानपुर क्राइम ब्रांच ने एक साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये गिरोह इंश्योरेंस प्रीमियम में 10 फीसदी छूट देने का झांसा देकर लोगों को चूना लगाता था। पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह दो करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है। इसका तार तेलंगाना, हैदराबाद और महाराष्ट्र से भी जुड़ा है। इनके पास से एटीएम कार्ड, ग्राहकों का डाटा, मोबाइल बरामद हुए हैं।
क्राइम ब्रांच की टीम अब साइबर ठगों को बीमाधारकों का डाटा बेचने वाले वेंडरों की तलाश में जुटी है। पुलिस ने एक वेंडर को चिह्नित किया है। गिरोह ने बर्रा तात्याटोपे नगर के अमित गुप्ता के साथ इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने के नाम पर ने 51 हजार रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने गिरोह के सरगना घटिया नौरंगाबाद इटावा निवासी शिवम उर्फ फई के साथ-साथ डलमऊ रायबरेली के वरुण, उसके भाई करन, उत्तम नगर दिल्ली के करन शर्मा, अमन, आशीष कनौजिया उर्फ जटायु को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि ये बीमा कंपनियों के वेंडरों से बीमाधारकों का डाटा खरीद कर प्रीमियम जमा करने के नाम पर छूट देेने के नाम पर लोगों को अपनी जाल में फंसाते थे और ठगी करते थे।
क्राइम ब्राच ने मोबाइल नंबरों की कॉल डीटेल निकलवाई है। इससे इनके विभिन्न कंपनियों के 40 से अधिक वेंडर गिरोह के संपर्क में होने का शक है। लखनऊ का एक वेंडर ट्रेस भी हुआ है। पुलिस ने जानकारी दी है कि साइबर ठगी के इस गिरोह के तार तेलंगाना और महाराष्ट्र से जुड़े हैं। इनके खिलाऱ गिरोह के खिलाफ देहरादून, तेलंगाना के साइबराबाद, हैदराबाद के मियांपुर, महाराष्ट्र के रत्नागिरी और व चिपलून थानों में केस दर्ज है।
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कैसे करते थे ठगी
गैंग मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के ग्राहकों का डाटा उनके एजेंटों से 20 से 30 हजार में खरीदते थे। इस तरह से ठगों के पास पॉलिसी का नंबर, ग्रहकों का नाम, पता, मोबाइल नंबर समेत कस्टमर्स का पूरा डेटा मिल जाता था। प्रीमियम जमा करने वक्त नजदीक आने पर वे ग्राहकों को फोन करते थे और 10 फीसदी छूट देने की बात करते थे। वे लोगों को केवल सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक फोन करते थे।
33 में से 12 अकाउंट फ्रीज
पुलिस को अभी गैंग की 33 अकाउंट का पता चला है। इनमें से 12 अकाउंट फ्रीज हो गए हैं। पांच अकाउंट में हाल फिलहाल में 25 लाख की लेनदेन हुई थी। ये लोग सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए कभी खुद एटीएम से पैसे नहीं निकालते थे। किसी व्यक्ति को दो से तीन सौ रुपये देकर पैसे निकलवाते थे। यही नहीं पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप करा कर कैश ले लेते थे।
कॉल सेंटर से मिला आइडिया
पुलिस के अनुसार शिवम व वरुण पहले मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में काम करते थे। ये लोग बाद में गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगे। बीमा कंपनी में कामकाज के बारे में इन्हें जानकारी थी। ऐसे में इन्होंने कॉल सेंटर के जरिए लोगों को ठगने की योजना बनाई।
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