क्राइम
गृह मंत्रालय की साइबर पोर्टल पर एक साल से भी कम समय में चार लाख से अधिक शिकायतें दर्ज
गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in के लॉन्च होने के बाद से एक साल से भी कम समय में चार लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से लगभग आधी वित्तीय धोखाधड़ी ( Financial Frauds) से संबंधित हैं। 30 अगस्त, 2019 को लॉन्च किया गया यह पोर्टल हमें बताता है कि किस तरह की साइबर धोखाधड़ी चलन में है। इससे हमें यह भी पता चलता है कि आगे किस तरह से लोगों से धोखाधड़ी की जा सकती है। इन्हें रोकने के लिए हम नीतियों पर कैसे काम कर सकते हैं और संबंधित अधिकारियों के साथ कुछ मामलों को उठा सकते हैं। गृह मंत्रालय के निदेशक अशोक कुमार ने इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा पर एक कार्यक्रम पर्स्यूट 2021 में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से यह बात कही।
अधिकारी ने दो दिवसीय वर्चुअल इवेंट में कहा कि हाल ही में विकसित सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड एंड मैनेजमेंट सिस्टम मॉड्यूल ने सरकार को केवल दो से तीन महीनों में 5 करोड़ रुपये बचाने में मदद की है। नए मॉड्यूल के तहत, हेल्पलाइन नंबर 155260 के माध्यम से पुलिस के पास निर्धारित मापदंडों के अनुसार शिकायत दर्ज होने के बाद बैंकों को किसी भी संदिग्ध लेनदेन पर सतर्क किया जाता है।
भारत के पहले साइबर सुरक्षा समन्वयक डॉ गुलशन राय ने चेतावनी दी कि कोविड महामारी और बढ़ते डिजिटलीकरण के कारण साइबर अपराध में वृद्धि हुई है। इसने उद्योग को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में, लगभग हर क्षेत्र पर हमला हुआ है क्योंकि वे सभी आपस में जुड़े हुए हैं। महामारी के दौरान साइबर अटैक की संख्या में 2,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका कारण यह कि हम घर से एएसएल या डीएसएल का उपयोग कर रहे थे। दोनों में से कोई भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में संवेदनशील जानकारियां जोखिम में है और इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। इससे वित्तीय धोखाधड़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
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राय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 90 प्रतिशत हमले की प्रकृति एक सामान फ़िशिंग और मालवेयर आदि जैसी होती है। लेकिन जो चिंताजनक बात यह है कि टारगेटेड अटैक की संख्या में वृद्धि हुई है (जो वर्तमान में 9 प्रतिशत है)। सोलर एयर और वानाक्राई, इसके कुछ उदाहरण हैं, जो किसी भी संगठन और देश के लिए हानिकारक हैं।
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