क्राइम
गूगल से ऊबर का कस्टमर केयर नंबर निकाल किया फोन, लग गई 2 लाख रुपये की चपत
इंटरनेट पर एक छोटी सी गलती से आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। आपको लाखों रुपये की चपत लग सकती है। दिल्ली में एक ऐसा ही केस सामने आया है। एक महिला ने ऊबर कैब में बेटे का पर्स छूटने पर गूगल से सर्च करके कस्टमर केयर का नंबर निकाला। इसके बाद ठग ने डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर बैंक अकाउंट से लाखों रुपये दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। महिला के बयान पर नई दिल्ली साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज की है।
पीड़ित महिला नई दिल्ली इलाके में रहती हैं और स्पोर अथॉरिटी ऑफ इंडिया में काम करती हैं। फिलहाल दिल्ली के एक स्टेडियम में तैनात हैं। 13 फरवरी को उनके बेटे ने फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट जाने के लिए ऊबर कैब बुक की। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बेटे को पता चला कि पर्स कैब में रह गया है। उसने मां को इसकी सूचना दी। 14 फरवरी की सुबह महिला ने गूगल से ऊबर का कस्टमर केयर नंबर निकाला और फोन किया। कुछ देर बाद महिला को वापस फोन आया। उसने एक लिंक भेजकर 50 रुपये की पेमेंट करने के लिए कहा।
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महिला ने पेमेंट करने की काफी कोशिश की, लेकिन पेमेंट नहीं हुआ। इसके बाद महिला अपने काम में लग गई। 15 फरवरी को फोन पर बैंक अकाउंट से रुपये कटने के मैसेज आए। पता चला कि अकाउंट से दो लाख रुपये ट्रांसफर हो गए। दो लाख और ट्रांसफर करने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह सक्सेस नहीं हुआ। महिला का मानना है कि उसने गूगल से कस्टमर केयर नंबर लेकर गलती की। इसका खामियाजा उसे लाखों रुपये गंवा कर चुकाना पड़ा।
कैसे महिला हुई होगी ठगी का शिकार
जालसाज ने महिला से फोन पर डेबिट कार्ड के डिटेल्स लिए होंगे। इसके बाद उनके नेट बैंकिंग का पासवर्ड बदला होगा। फिर रकम दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया हो। जिस अकाउंट में रकम ट्रांसफर हुई है, उसकी जानकारी निकालकर जालसाज तक पहुंचा जा सकता है।
न करें ये गलती
- फोन पर किसी को बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी शेयर न करें।
- ओटीपी जैसी जानकारी भी शेयर न करें।
- ध्यान रखें कस्टमर केयर सपोर्ट को आपकी बैंक अकाउंट और ओटीपी संबंधित जानकारी की जरूरत नहीं होती।
ठगी का शिकार होने पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के नंबर 1930 पर कॉल करके मदद लें।