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Cyber Crime

Big Cyber Fraud : इस नंबर को डायल करते ही फोन हो जाता है हैक, अस्पताल का नंबर हैक कर बुकिंग कराने वाले मरीजों से ठगी, जानें पूरा मामला

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साइबर क्राइम (Cyber Crime) के बहुत सनसनीखेज मामले आपने सुने होंगे लेकिन शायद ही ऐसा चौंकाने वाला मामला देखें होंगे। इस मामले में साइबर जालसाजों ने एक अस्पताल के हेल्पलाइन नंबर को ही हैक कर लिया। इसके बाद डॉक्टर से अप्वाइंटमेंट के लिए आने वाली कॉल को अपने नंबर पर फारवर्ड कर लिया। इस तरह जैसे ही कोई मरीज OPD में बुकिंग के लिए फोन करता था तो ये कॉल जालसाजों के पास पहुंच जाती थी। इसके बाद जालसाज बुकिंग टोकन के नाम पर पहले सिर्फ 5 रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराते थे और फिर ओटीपी या लिंक भेजकर बैंक खाता ही खाली करने में जुट जाते थे।

लिंक या ओटीपी के जरिए ऐसे की ठगी

इसके बाद उसी नंबर पर Request Money का लिंक या ओटीपी भेज देते थे। और फिर उस लिंक को वेरिफिकेशन कोड या अप्वाइंटमेंट बुकिंग का कोड बताकर अपने नंबर पर मंगा लेते थे। या फिर उसे टोकन नंबर बताकर कन्फर्म कराने के बहाने पूछ लेते थे और फिर अकाउंट ही खाली कर देते थे। इस सनसनीखेज मामले में कई मरीजों के साथ ठगी हुई और वे अस्पताल पहुंचे तब फर्जीवाड़े का पता चला। इसके बाद अस्पताल मैनेजमेंट ने तुरंत उस नंबर को ब्लॉक कराया और पुलिस से शिकायत की।

गाजियाबाद के वैशाली का मामला, ऐसे किया फर्जीवाड़ा

ये सनसनीखेज और चौंकाने वाला मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद (Ghaziabad) का है। ये प्राइवेट अस्पताल गाजियाबाद के वैशाली में है। अस्पताल का इमरजेंसी नंबर और अप्वाइंटमेंट के लिए जारी नंबर गूगल पर भी है। जिसके जरिए आसपास के लोग इस नंबर पर कॉल करके ओपीडी बुकिंग कराते हैं। अस्पताल के सीनियर डॉक्टर ने बताया कि गूगल पर दिए इमरजेंसी नंबर पर शनिवार को 7047802338 नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को गूगल कस्टमर केयर बताया। इसके बाद अस्पताल की रिसेप्शनिस्ट से कहा कि जो इमरजेंसी नंबर गूगल पर है उसे जल्द ही डिलीट कर दिया जाएगा। इस तरह गूगल से अस्पताल का नंबर हट जाएगा। इसलिए इस नंबर को एक्टिवेट रखने के लिए अपने नंबर से एक मैसेज टाइप कर कॉल करना होगा।

*72 के साथ नंबर कराया डायल, फिर कॉल हुई फारवर्ड

अस्पताल कर्मचारी को जब गूगल से नंबर हटाए जाने की जानकारी हुई तो वे परेशान हो गए। इसलिए जालसाज के कहने पर नंबर को फिर से रजिस्ट्रेशन कराकर एक्टिवेट रखने के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर से *72*704780233# पर डायल कर दिया। इस नंबर को डायल करने के बाद से ही अस्पताल के इमरजेंसी नंबर पर कई घंटे तक कोई कॉल नहीं आई। कुछ घंटे बाद आए एक मरीज ने शिकायत की। मरीज ने आरोप लगाया कि अस्पतालवालों ने बुकिंग के नाम पर पहले 5 रुपये मांगे और फिर मेरे बैंक खाते से पैसे निकाल लिए। वहीं एक शख्स के खाते से 10 हजार रुपये का ट्रांजैक्शन किया गया लेकिन समय रहते उन्होंने शिकायत कर दी तो वो पैसा ब्लॉक कर दिया गया। इस तरह 10 से ज्यादा लोगों के साथ जालसाजी होने की शिकायत मिली तब अस्पताल प्रबंधन ने अपने नंबर को तुरंत ब्लॉक कराया। इसके बाद जब आईटी एक्सपर्ट की मदद ली तब पूरा माजरा समझ में आया। फिलहाल, इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से गाजियाबाद के कौशांबी थाने में लिखित शिकायत दे दी गई है। जिस पर साइबर पुलिस जांच कर रही है।

ऐसे करते हैं कॉल फारवर्ड

किसी भी मोबाइल नंबर को दूसरे नंबर पर फारवर्ड करने के कई तरीके होते हैं। पहला तरीका तो ये है कि आप फोन की सेटिंग में जाकर कॉल फारवर्ड कर सकते हैं। दूसरा तरीका है कोडिंग सिस्टम। साइबर क्रिमिनल कोई ना कोई बहाना बनाकर इसी कोडिंग सिस्टम के जरिए जालसाजी करते हैं। अस्पताल के इमरजेंसी नंबर के साथ भी ऐसा ही हुआ।

जानें – इस नंबर से कैसे हुई कॉल फारवर्ड
*72*mobile No#

इस कोड को अगर आप अपने मोबाइल फोन से डायल करते हैं तो आपकी सभी कॉल दूसरे नंबर पर फारवर्ड हो जाएगी।

  • जैसे *72*123456789# नंबर को आप अपने फोन से डायल करते हैं तो आपके नंबर पर आने वाली हर कॉल 123456789 नंबर पर फारवर्ड हो जाएगी। यहां 123456789 नंबर उदाहरण के लिए नंबर लिया है। इसी तरह अगर आप *73*12345678# डायल करते हैं तो जब कभी आपका फोन बिजी रहेगा तभी उस नंबर पर कॉल फारवर्ड होगी।

इसी तरह *21*mobile no# के जरिए भी आप कॉल फारवर्ड कर सकते हैं।

 फारवर्ड कॉल को ऐसे चेक करे और बंद करें
 अगर आपके मोबाइल नंबर को किसी दूसरे नंबर पर फारवर्ड कर दिया जाए तो आप उसकी जानकारी लगा सकते हैं।

*#21# इस नंबर को अपने फोन से डायल करने पर आपके स्क्रीन पर एक नंबर आएगा। इससे पता चल जाएगा कि किस नंबर पर आपके फोन की कॉल फारवर्ड की गई थी।

##21# इस नंबर को अपने फोन से डायल करेंगे तो आपके फोन से फारवर्ड हुई सभी कॉल को तुरंत बंद यानी डी-एक्टिवेट कर दिया जाएगा।