क्राइम
Facebook और Instagram पर रोज 1 लाख बच्चे होते हैं यौन उत्पीड़न का शिकार, मेटा और मार्क जुकरबर्ग पर केस
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान हैं। मेटा के एक आंतरिक दस्तावेज के अनुसार उसके प्लेटफॉर्म यानी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 2021 में प्रतिदिन लगभग एक लाख बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ। इस मामले में मेटा और उसके मालिक मार्क जुकरबर्ग के खिलाफ न्यू मैक्सिको अटॉर्नी-जनरल के कार्यालय में मुकदमा दर्ज है। यह रिपोर्ट एक महीने पहले सामने आई थी।
शिकायत ऑनलाइन नाबालिगों की सुरक्षा के कंपनी के प्रयासों के बारे में चिंताओं को लेकर है, क्यों ये प्लेटफॉर्म युवा यूजर्स के बीच लोकप्रिय है। अटॉर्नी-जनरल राउल टोरेज के अनुसार, ” मेटा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमारी जांच से पता चलता है कि वे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं, बल्कि चाइल्ड प्रोनोग्राफी का व्यापार करने और नाबालिगों को यौन संबंधी कंटेंट देखने के लिए के लिए उकसाते हैं।”
दस्तावेजों से क्या पता चला
इसमें मेटा में 2020 की कंपनी की आंतरिक चैट की जानकारी शामिल है। एक कर्मचारी ने एक सहकर्मी से बच्चों के लिए उठाए गए उपायों के बारे में पूछा था। जवाब से पता चला कि बहुत मामूली प्रयास किया गया था। यह भी कहा गया कि बाल सुरक्षा प्राथमिकता नहीं है। अप्रकाशित दस्तावेजों से यह भी पता चला कि मेटा अधिकारियों ने Apple के एक कार्यकारी की शिकायत पर तत्काल प्रतिक्रिया दी। उसके 12 वर्षीय बच्चे को कथित तौर पर उसी वर्ष फेसबुक पर निशाना बनाया गया था।
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मेटा को क्या कहना है
मेटा प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी का दावा है कि शिकायत में उठाए गए कई मुद्दों का समाधान कर दिया गया है। कंपनी के अनुसार “हम चाहते हैं कि बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित और उनके उम्र के लिए सही अनुभव मिले। हमारे पास उन्हें और उनके माता-पिता की मदद के लिए 30 से अधिक टूल्स हैं। हमने इन मुद्दों पर काम करते हुए दशक बिताया है और ऐसे लोगों को काम पर रखा है जिन्होंने युवाओं को सुरक्षित रखने और ऑनलाइन मदद के लिए अपना करियर समर्पित किया है। शिकायत में चुनिंदा उद्धरणों और चुनिंदा दस्तावेजों का इस्तेमाल कर हमारे काम को गलत तरीके से पेश किया गया है।
हालांकि, मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मेटा कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा परिवर्तनों की वकालत करने के बावजूद फेसबुक और इंस्टाग्राम कम उम्र के यूजर्स को ऑनलाइन यौन उत्पीड़न से बचाने में विफल रहे, क्योंकि इन्हें लागू नहीं किया गया