क्राइम
साइबर ठगों ने कर डाला 10 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा, तरीका जान उड़ जाएंगे होश
देशभर में साइबर क्राइम (Cyber crime) बढ़ता ही जा रहा है। साइबर फ्रॉड (Cyber frauds ) लोगों को ठगने के लिए रोज अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे है। ऐसे में आपकी जरा-सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। हाल ही में एक ताजा मामला दिल्ली से सामने आया है। जिसमें लोन देने वाली कंपनी लैंडबॉक्स ने पुलिस में एक एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है। इस कंपनी का आरोप है कि साइबर ठगों ने सिस्टम की खामियों (loopholes in the system) का फायदा उठाकर करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक का चूना लगा दिया।
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कब से चल रहा था फ्रॉड
कंपनी का कहना है ठगों ने 10 करोड़ से अधिक की ठगी की है। जिसमें लगभग 457 खातों का उपयोग किया गया। शिकायत के बाद अब पुलिस इस मामले में संदिग्ध खातों के आईपी एड्रेस (IP addresses) का भी पता लगा रही है। जांच अफसरों के मुताबिक दिसंबर 2022 और मार्च 2023 के बीच यह फ्रॉड (fraud ) हुआ है। लेंडबॉक्स कंपनी (Lendbox company) ने कहा कि यूजर्स हमारे यहां से पैसा जमा करने के बाद कभी भी उसे निकाल सकते हैं।
यूजर्स को ब्याज के साथ पैसा वापस मिल जाता है। साइबर ठगों ने एक बार तो सीधे ऐप (Apps) से पैसा निकाला और फिर बाद में National Payments Corporation of India (NPCI) में शिकायत भी कर दी पैसे नहीं मिले। इस तरह से एनपीसीआई सिस्टम (NPCI system) के जरिए उन्होंने दूसरी बार भी पैसे निकाल लिए।
NPCI के दिशा निर्देश
एनपीसीआई (NPCI) ने आधार-इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (Aadhaar-enabled payment system) के सभी प्लैटफॉर्म को गाइडलाइंस (Guidelines) जारी किए हैं। दिशा-निर्देश में निर्धारित समय के भीतर पैसे वापस देने के अनुरोध पर यूजर्स को कोई रिप्लाई नहीं मिलती है, तो ऐसे अनुरोधों को स्वीकृत माना जाएगा। जांच के दौरान, यह सामने आया कि ठग एनपीसीआई (NPCI) से भी पैसे वापस दिलाने का आग्रह कर रहे थे।
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