क्राइम
जज से लेकर DGP की WhatsApp प्रोफाइल बनाकर ठगी कर रहे साइबर क्रिमिनल्स, जानें कैसे फैला रहे हैं अपना जाल
इस समय देश में लूट और हत्या जैसे अपराधों से भी ज्यादा साइबर क्रिमिनल्स ने पुलिस की नाक में दम किया हुआ है। इतना ही नहीं देश से लेकर विदेशों में छिपकर बैठे साइबर क्रिमिनल्स हर दिन साइबर अपराध की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
साइबर सेल पुलिस जैसे ही लोगों को जागरुक करने से लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी तक पहुंचती है। तब तक यह साइबर ठग ठगी का तरीका बदल देते हैं। यही वजह है कि साइबर ठग चीफ जस्टिस से लेकर टॉप वन रैंक के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम पर भी ठगी कर रहे हैं। झारखंड़ में इसी तरह के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। जहां साइबर क्रिमिनल्स ने अधिकारियों की व्हाट्सऐप पर फर्जी प्रोफाइल और फोटो लगाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आरोपियों का पता लगाने में जुटी है।
पुलिस मुखिया की ही बना दी फेक प्रोफाइल
जानकारी के अनुसार, साइबर ठगों ने 26 जुलाई को झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा की व्हॉट्सऐप पर एक फर्जी प्रोफाइल तैयार कर ली। इसके बाद ठगों ने 2 आईपीएस अफसरों को ठगने का प्रयास किया।
ठगों ने एक व्हॉट्सऐप नंबर पर डीजीपी की डीपी लगाई और झारखंड के ही दो आईपीएस अधिकारी अजीत पीटर और अनुरंजन किस्पोस्टा को गुड मॉर्निंग के मैसेज भेजे। आरोपी जब तक उनसे पैसे की डिमांड करते, पुलिस ने एक आरोपी को दबोच लिया। यह पहली बार नहीं जब साइबर क्रिमिनल्स के हौसले इतने बुलंद हुए हो, इससे पहले भी साइबर ठग डीजीपी के नाम पर एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर उनसे पैसे की मांग कर चुके हैं।
प्रदेश के चीफ जिस्टस के नाम पर की लाखों की ठगी
आईपीएस अधिकारी ही नहीं साइबर ठगों ने झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी नहीं छोड़ा। साइबर क्रिमिनल्स ने चीफ जस्टिस का फोटो इस्तेमाल कर व्हाट्सएप पर एक फर्जी अकाउंट बनाया। इसके बाद हाईकोर्ट में ही काम करने वाले एक कर्मचारी से करीब डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर ली।
पीड़ित को इसका पता चीफ जस्टिस के फर्जी प्रोफाइल से बार बार आ रही डिमांड और पूरी करने के बाद फिर से गिरफ्तार मांगने पर लगा। कर्मचारी राजीव ने जांच की तो पता चला की व्हॉट्सऐप अकाउंट और नंबर चीफ जस्टिस के नहीं हैं। बल्कि किसी ठग ने उनके नाम पर डेढ़ लाख रुपये की ठगी की। पीड़ित ने मामले की शिकायत एसएसपी रांची को दी।
वहीं अधिकारियों की मानें तो यह पहला या दूसरा मामला नहीं है। बल्कि दर्जनों ऐसे केस सामने आ चुके हैं। जिनमें साइबर ठग जज से लेकर उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के सोशल मीडिया और खास कर व्हॉट्सऐप पर उनके नाम के अकाउंट बना लेते हैं। आरोपी अधिकारियों की डीपी भी लगाते हैं। इसके बाद उन्हीं के अंडर में काम करने वाले पुलिस अधिकारी से लेकर बीडीओ अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को मैसेज भेजकर ठगी का शिकार बनाते हैं।
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