IPL 2024 शुरू होते ही साइबर क्रिमिनल सक्रिय; सट्टा खिलाकर लोगों को लगाते हैं चूना

IPL 2024 शुरू होते ही साइबर क्रिमिनल सक्रिय; सट्टा खिलाकर लोगों को लगाते हैं चूना

Titiksha Srivastav
By Titiksha Srivastav - Assistant Editor
4 Min Read

इंडियन प्रीमियर लीग 2024 (IPL 2024) शुरू होते ही उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में सट्टेबाज सक्रिय हो गए हैं। साइबर जालसाजों ने भी लोगों को ठगने के लिए के जाल बिछा दिए हैं। ठग आईपीएल मैचों के लोगों को सट्टा लगवाकर पहले जीत दिलाकर अपने जाल में फंसाते हैं। फिर जब आपको जीत व पैसों का चस्का लग जाता है, तो फिर इनका असली खेल शुरू होता है। जालसाज न सिर्फ आपकी खुद की पूंजी लूटते हैं, बल्कि जीत की ख्वाहिश में सूदखोरों के चंगुल में फंसा देते हैं।

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सट्टे में पैसा गंवाने के बाद लोगों ने जी जान

कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एक 23 वर्षीय महिला ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसके पति ने आईपीएल मैच में सट्टा खेला और डेढ़ करोड़ रुपये हार गया। इसके कारण सूदखोर रकम वापसी के लिए से दबाव बना रहे थे। इसी तरह यूपी के झांसी में एक मामला सामने आया है। दो आईपीएल मैच में जीतने के बाद बाकी मैच में सट्टा लगा कर 80 लाख रुपये गंवाने वाले ने युवक ने भी आत्महत्या कर ली। मासूम लोग साइबर अपराधियों की जाल में फंस रहे हैं और भारी-भरकम रकम गंवा रहे हैं। इसके गलत कदम उठा रहे हैं।

चार कुख्यात साइबर अपराधी

हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र से ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी झारखंड और बिहार के रहने वाले थे और आईपीएल में सट्टा लगवाने में शामिल थे। पुलिस की पूछताछ में हैरान करने वाली बातें सामने आईं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चार कुख्यात साइबर अपराधी थे। ये फर्जी वेबसाइट से आईपीएल में सट्टा लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे ठग रहे थे। इन पैसों को उन खातों में ट्रांसफर कर रहे थे, जिनका इस्तेमाल सेक्सट्रॉशन, डेबिट क्रेडिट कार्ड और अन्य तरीकों से हुई ठगी का पैसा ठिकाने लगाने के लिए किया जाता था। बेंगलुरु पुलिस ने भी ऐसे ही एक गैंग का भंडाफोड़ किया था। यह गैंग फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन से लोगों को सट्टे के लिए फंसाते थे। फिर पैसा जीत कर साइबर धोखाधड़ी करने के लिए खोले गए खातों में ट्रांसफर करते थे।

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ठगी का तरीका

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के आईपीएस अफसर शशांक सिंह के अनुसार सटोरियों के रूप में गिरफ्तार असल में हार्डकोर साइबर अपराधी थे। उनके खिलाफ करीब 25 मुकदमे दर्ज थे। सभी आरोपी अलग अलग नाम से फेक वेबसाइट और एप्लीकेशन (रेड्डी आईपीएल, आईपीएल जीतो, आईपीएल मजा) चलाता हैं। इन्हें सोशल मीडिया में प्रमोट किया जाता है। कम रिस्क और अधिक पैसा कमाने का लालच देकर ये लोगों को जाल में फंसाते हैं। फिर शुरुआत में हेरफेर कर लोगों को सट्टा जितवा देते हैं। जब लोगों को सट्टा व पैसे जीतने का चस्का लग जाता है तब वह लाखों रुपये ठग लेते हैं।

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