क्राइम
साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद, पुलिस अफसर को बनाया शिकार, फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से मांगे पैसे
साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वो पुलिस अफसर, वकील और अधिकारियों जैसे लोगों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। किसी का सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर, तो किसी का अकाउंट हैक करके वे लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे है। मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का है। यहां साइबर ठगों ने डीएसपी को ही अपना शिकार बना लिया। साइबर ठगों ने पुलिस अफसर की फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों को मैसेज भेजकर मेडिकल इमरजेंसी के नाम पर पैसे मांगे। लोग जब डीएसपी बलराम सिंह को फोन करके हालचाल लेने लगे, तो उन्हें इसकी जानकारी हुई और उनके होश उड़ गए।
कांठ क्षेत्र के सर्कल अधिकारी डीएसपी बलराम सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली कि उनके नाम से बनाए गए फ़ेसबुक अकाउंट के माध्यम से दोस्तों संदेश भेजे जा रहे थे और आर्थिक मदद मांगी जा रही थी। अकाउंट पर उनका फोटो भी थी। उन्होंने तुरंत मुरादाबाद पुलिस को सूचित किया कि उनका नाम और फोटो का सोशल मीडिया पर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
यूपी के बाल अधिकार आयोग के चेयरपर्सन भी बन चुके हैं शिकार
मामले में जांच का आदेश दिया गया है और साइबर क्राइम सेल ने इसमें शामिल साइबर अपराधियों का पता लगाने के लिए ट्रेसिंग शुरू कर दी है। इससे पहले यूपी के बाल अधिकार आयोग के चेयरपर्सन डॉ. विशेष कुमार गुप्ता इसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार हुए थे। साइबर ठगों ने उनके फेसबुक आइडी हैक कर लिया था। विशेष को इसकी जानकारी तब हुई जब उनके फेसबुक फ्रेंड ने काल कर बताया कि उनके नाम पर रुपये मांगे गए हैं। मैसेंजर पर साइबर ठग गूगल पे के जरिए लोगों से पैसे मांग रहा था।
भगतपुर थाने के कार्यवाहक प्रभारी की आइडी हैक होने का मामला सामने आ चुका
डॉ. विशेष कुमार गुप्ता को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मैसेज डालकर फेसबुक फ्रेंड से रकम न देने की अपील की। बता दें कि भगतपुर थाने के कार्यवाहक प्रभारी दीपक मलिक की फेसबुक आइडी भी हैक होने का मामला सामने आ चुका है।
वकील से 18 हजार रुपये की ठगी
मुरादाबाद में साइबर अपराधियों ने वकील को झांसा देकर 18 हजार रुपये ठग लिया है। पुलिस के अनुसार टाउनहॉल निवासी दिल्ली हाईकोर्ट में वकील हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ऑनलाइन शॉपिंग की थी। इसके बाद उनके मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी का कर्मचारी बताया। उसने वकील साहब से कहा कि उनके आनलाइन खरीदी पर इनाम निकला है और गिफ्ट बाउचर भेजा जाना है। इसके बाद उसने इनाम के रूप में गिफ्ट बाउचर पाने की पूरी प्रक्रिया बताई और चार हजार रुपये जमा करा लिया। इसके बाद जीएसटी के नाम पर 14 हजार रुपये की मांग की गई। कहा गया कि यह रकम वापस हो जाएगी। 18 हजार रुपये चुकता करने के बाद भी वकील को गिफ्ट बाउचर नहीं मिला। इसके बाद ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से उन्होंने संपर्क किया। कंपनी ने बताया कि ऐसी कोई योजना नहीं चल रही है। इसके बाद उनके होश उड़ गए।
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