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क्राइम

Cyber Crime: 1 करोड़ रुपये से अधिक की चपत करने वाला साइबर जालसाज गिरफ्तार, 40,000 सिम कार्ड जब्त

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From Delhi to Kathmandu: The Trail of a Cyber Criminal Syndicate Uncovered

भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ साल से तगड़ा रिटर्न दे रहा है। ऐसे में बहुत से लोग भी शेयर बाजार में पैसा लगाने लगते है और कई बार साइबर ठगी (cyber fraud) का शिकार हो जाते है। इस बारे में मार्केट रेगुलेटर सेबी (Market regulator SEBI) लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है। लेकिन, साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को फंसा रहे हैं।

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40,000 सिम कार्ड जब्त

केरल में ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड (online trading fraud) का एक मामला सामने आया है। मलप्पुरम पुलिस (Malappuram police) की साइबर अपराध यूनिट ने एक शख्स को 40 हजार से अधिक सिम कार्ड और 180 मोबाइल फोन (mobile phones) के साथ अरेस्ट किया है। उसके पास 6 बायोमेट्रिक रीडर भी मिले। आरोपी अब्दुल रोशन कर्नाटक (Karnataka) के कोप्पा (Koppa) का रहने वाला है। उसे मलप्पुरम के एक शख्स की शिकायत पर पकड़ा गया।

उस शख्स का आरोप था कि अब्दुल रोशन (Abdul Roshan) ने उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग (online trading) के नाम पर अपने जाल में फंसाया और 1.08 करोड़ का चूना लगा दिया। विक्टिम को फेसबुक (Facebook) पर शेयर मार्केट वेबसाइट का (share market website) एक लिंक मिला। उस पर क्लिक (Click) करने के बाद ही उन्हें जालसाजों ने अपने जाल में फंसा लिया।

जालसाजों ने कैसे फंसाया?

साइबर ठगों (cyber fraud) ने खुद को शेयर मार्केट साइट के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताया। उन्होंने पीड़ित को भारी रिटर्न का लालच दिखाकर भारी रकम वसूली। जब भी उस शख्स को 1 करोड़ से ज्यादा इन्वेस्ट करने के बाद कोई रिटर्न नहीं मिला, तो उसने सीधे साइबर पुलिस (cyber police) से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया। कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने भी मलप्पुरम पुलिस (Malappuram Police) की काफी मदद की और वे मिलकर आरोपी तक पहुंच गए, जो कर्नाटक के कोटक जिले में छिपा था।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने साइबर फ्रॉड (cyber fraud) के शिकार लोगों से ओटीपी हासिल करने के लिए फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। आरोपी अब्दुल रोशन (Abdul Roshan) के नेटवर्क से जुड़ी मोबाइल शॉप अपने ग्राहकों की जानकारी के बिना उनकी अंगुलियों के निशान ले लेती थीं और फिर उसका इस्तेमाल सिम कार्ड (SIM cards) को एक्टिव करने के लिए करती थीं।

अब्दुल रोशन ने ऐसे सिम कार्ड 50 रुपये में खरीदे। इससे पहले राज्य में किसी भी ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) के लिए इतनी बड़ी संख्या में सिम कार्ड का इस्तेमाल नहीं हुआ था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब्दुल रोशन और उसके फ्रॉड (fraud) के शिकार लोगों की संख्या कितनी बड़ी भी हो सकती है।

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