क्राइम
महामारी में साइबर क्राइम पैटर्न में बदलाव : शराब, मास्क, दवाओं की होम डिलीवरी से लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर हुई ठगी
देश में कोरोना वायरस की तरह साइबर क्राइम का भी वायरस तेजी से रूप बदल रहा है। चंडीगढ़ का पुलिस रिकॉर्ड तो यही कहता है। पिछले साल मार्च में जब कोरोना महामारी के कारण सख्त लॉकडाउन लागू हुआ, तो कई लोग शराब की होम डिलीवरी के बहाने ऑनलाइन जालसाजों के शिकार हो गए। कुछ समय बाद थोक में एन-95 मास्क, हैंड सैनिटाइज़र और थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराने के बहाने ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आए।
नौकरी गंवाने वाले लोगों से रोजगार दिलाने के बहाने ठगी
कोरोना की दूसरी लहर आते ही रेमडेसिविर समेत दवा उपलब्ध कराने के बहाने ठगी की शिकायतें मिलने लगीं। अब कोरोना महामारी के बीच अपनी नौकरी गंवाने वाले लोग रोजगार दिलाने के बहाने पुलिस से धोखाधड़ी की शिकायत कर रहे हैं।
दिल्ली में दो लोग गिरफ्तार
सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में दो लोगों से पूछताछ में पता चला है कि पिछले डेढ़ साल में उन्होंने रोजगार उपलब्ध कराने के बहाने देशभर के कई लोगों को ठगा है। उन्होंने शहर की दो महिलाओं, दीपिका और सेक्टर 23 की चेतना को बरगलाया था। दोनों ऑनलाइन नौकरी सर्च कर रही थीं और एयरलाइंस में भर्ती के लिए OLX पर एक विज्ञापन देखा।
ओएलएक्स पर फर्जी वैकेंसी का विज्ञापन देकर लोगों से ठगी
दिल्ली से गिरफ्तार दोनों शख्स की पहचान 12वीं तक पढ़े 24 वर्षीय अभिषेक और बीकॉम तक पढ़ें 23 वर्षीय अनिल यादव के तौर पर हुई। उनके पास से कम से कम 15 सेल फोन और दो लैपटॉप बरामद किए गए। उन्होंने ओएलएक्स पर फर्जी वैकेंसी का विज्ञापन देकर लोगों से ठगी की बात कबूल की। शिकायतकर्ताओं ने आरोपी को 60 हजार रुपये दिए थे। एक बार ठगी करने के बाद आरोपी सिम कार्ड को तोड़ देते थे।
अलग-अलग तरीके से साइबर अपराध और ठगी के मामले सामने आए
इंस्पेक्टर देविंदर सिंह ने कहा कि हम कोरोना महामारी के दौर में अलग-अलग तरीके से साइबर अपराध और ठगी के मामले देख रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान, कई लोगों को सैनिटाइज़र, एन -95 मास्क, स्कैनर और शराब के कार्टन बेचने के बहाने ऑनलाइन ठगा गया।
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