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क्राइम

बिजनेस पार्टनर ने ही लगा दिया चूना, टैक्स में छूट के लिए दान का दिया ऑफर, 7 करोड़ रुपये ठगा

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साइबर जालसाजों के एक गिरोह ने हैदराबाद के एक व्यवसायी से आठ महीने तक अपने बैंक खातों में पैसे जमा कराकर 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। मामला तब सामने आया जब पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है। उसने मदद के लिए साइबर सुरक्षा ब्यूरो से संपर्क किया। पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

पुलिस के मुताबिक, हैदराबाद के कोंडापुर का रहने वाला कारोबारी तेलंगाना के नलगोंडा जिले के देवरकोंडा मंडल में एक हार्डवेयर स्टोर चलाता है। 2019 से उसी क्षेत्र के गंता यादैया उर्फ ​​गिरि नाम के एक अन्य व्यवसायी से मिला। दोनों एक रियल एस्टेट बिजनेस चलाते थे। गिरि ने अगस्त, 2023 को हार्डवेयर स्टोर के मालिक को नया प्रपोजल दिया। उसने कहा कि वह नलगोंडा जिले के हलिया मंडल के अनुमुला गांव के रहने वाले स्वामी जी केतवथ देवसिंह नाइक राठौड़ कोजानता है। 40 देशों से उन्हें दान मिलता है।

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गिरि ने बिजनेसमैन को लालच दिया कि टैक्स बचाने के लिए वह जो भी राशि दान देगा, उस अमाउंट का 30 फीसदी वापस मिल जाएगा। विश्वास जीतने के लिए उसने आरबीआई के कुछ नकली दस्तावेज दिखाए। इसमें बताया गया था कि 19.5 करोड़ रुपये की राशि जल्द रिलीज की जाने वाली है। फिर अगस्त 2023 में गिरि ने बिजनेसमैन को बताया कि ब्रिटेन का एक प्रतिनिधि ऑगस्टीन, हैदराबाद में है और वे उससे रेडिसन ब्लू होटल में मिलेंगे।

बाद में गिरि ने कहा कि ऑगस्टीन को कस्टम अधिकारियों ने हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक दिया था। उन्होंने व्यवसायी को यह भी विश्वास दिलाया कि कस्टम अधिकारियों ने ऑगस्टीन के सामान से स्वामीजी के लिए रखे गए 15 करोड़ रुपये की राशि के अमेरिकी डॉलर जब्त कर लिए हैं। इस बीच, ऑगस्टीन ने 16 सितंबर, 2023 को व्यवसायी को फोन किया। उसने मॉर्गन नाम के एक व्यक्ति को अपना वकील बताया। जब्त किए गए धन को वापस पाने के लिए व्यवसायी को अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। ऑगस्टीन ने जॉर्ज नामक एक अन्य व्यक्ति को प्रबंधक बनाकर पीड़ित से मिलवाया। जॉर्ज ने कई फोन कॉल किए और जब्त किए गए अमेरिकी डॉलर को जल्द से जल्द वापस पाने के लिए व्यवसायी को अपने बैंक खातों में पैसे जमा करने के लिए कहा।

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बाद में पिछले महीने स्वामीजी राठौड़ ने पीड़ित को फोन किया और दिल्ली आकर मिलने को कहा। उसी दौरान खुद को राठौड़ का पीए बताने वाले किरण नाम के शख्स ने कारोबारी से कई बार फोन पर संपर्क किया। मोरे नाम के एक अन्य व्यक्ति ने खुद को स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में प्रबंधक बताकर व्यवसायी से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि राठौड़ के नाम पर 2 करोड़ रुपये जारी करने के लिए तैयार थे। कर भुगतान के बहाने पीड़ित से पांच किस्तों में 3-4 लाख रुपये जमा कराए।

हालांकि, उन्हें दान से संबंधित वादा की गई राशि नहीं मिली और व्यवसायी अपने बिजनेस पार्टनर गिरि के साथ 13 अप्रैल को दिल्ली गए और वहां राठौड़ से मिले। जब पीड़ित ने राठौड़ से दान के बारे में पूछा, तो राठौड़ ने उसे बताया कि उसे कर के रूप में 7 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द उन्हें राष्ट्रीय जूट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप बताया जाएगा और इसमें सुनील कुमार नाम के व्यक्ति उनकी मदद कर रहे हैं। राठौड़ ने व्यवसायी को आश्वासन दिया कि इस पद पर आने के बाद उन्हें दान की सुनिश्चित राशि मिलेगी। फिर उसने पीड़ित से सुनील कुमार के खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहा। कारोबारी ने 14 किस्तों में सुनील कुमार को 40 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

पीड़ित ने 16 अगस्त, 2023 और 03 अप्रैल, 2024 के बीच 280 लेनदेन में गिरि और राठौड़ के गिरोह द्वारा पेश किए गए व्यक्तियों के खातों में कुल 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। तमाम आश्वासनों और लंबे इंतजार के बावजूद उन्हें दान के संबंध में गिरोह से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। यही वह समय था जब व्यवसायी ने मामले की जांच की मांग करते हुए साइबर सुरक्षा ब्यूरो से संपर्क किया।

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