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साइबर थाना तैयार, सूर्य ग्रहण के बाद शुरू होगा कामकाज
साइबर थाना तैयार, सूर्य ग्रहण के बाद शुरू होगा कामकाज
कानपुर। साइबर क्राइम (Cyber Crime) के धड़ल्ले से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए उस पर रोक लगाने के उद्देश्य से साइबर थाने का गठन किया गया है। काफी मेहनत के बाद यहां थाना बनकर ना केवल तैयार हो गया, बल्कि यहां स्टाफ की तैनाती भी कर दी गयी। थाना पूरी तरह से (21) जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद 23 जून से अपने रव में आ जाएगा। लखनऊ और गौतमबुद्धनगर के बाद प्रदेश का ये तीसरा साइबर थाना कानपुर में खुला है। प्रदेश सरकार की योजना प्रदेश में हर रेंज स्तर पर एक साइबर थाना बनाने की है।
एसपी क्राइम राजेश कुमार यादव ने बताया कि ट्रैफिक लाइन में साइबर थाना बनाया गया है। थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश यादव को बनाया गया है। एक अन्य इंस्पेक्टर जगदीश चंद्र यादव की भी यहां तैनाती की गई है। दरोगा ज्ञानेंद्र कुमार व आशुतोष के साथ एक अन्य दरोगा को भी चार्ज दिया गया है। सीओ नजीराबाद गीतांजलि सिंह को थाने का पर्यवेक्षक बनाया गया है। आठ महिला व आठ पुरुष सिपाहियों को तैनात किया गया है। थाने में कानपुर नगर, कानपुर देहात के अलावा औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद और इटावा जिले के आईटी एक्ट तहत मामले दर्ज किये जाएंगे। दर्ज केसों का ब्योरा रीजनल साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर लखनऊ और इंडिया साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर दिल्ली जो गृह मंत्रालय के अधीन है, उसको भेजा जाएगा। वहीं से इन सभी मामलों की मॉनिटेरिंग होगी।
आईजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए साइबर थाना बनाया गया है। छह जिलों के साइबर अपराध के मामलों की विवेचना की जाएगी। इससे साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसेगा। इंटरनेट कनेक्टीविटी अभी नहीं। ट्रैफिक लाइन में ही साइबर सेल का दफ्तर है। सेल में इंटरनेट कनेक्टीविटी बेहद खराब है। इस वजह से सेल का काम प्रभावित रहता है। अधिकतर पुलिसकर्मी इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए खुद की व्यवस्था करते हैं। अब जब साइबर थाना बन गया है तो ऐसे में अभी भी वहां पर इंटरनेट कनेक्टीविटी का इंतजाम नहीं हो सका है। ऐसे में कार्य बेहतर ढंग से कर पाना चुनौती होगा।
इन साइबर अपराधों (Cyber Crime)के दर्ज हो सकेंगे। इस थाने के जरिए एक लाख या इससे अधिक की साइबर ठगी के मामले की विवेचना साइबर थाने में होगी। अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध के सभी मामले
चाइल्ड पोर्नोग्राफी यानी बच्चों के अश्लील वीडियो, बाल यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी
हैकिंग, क्रिप्टो-कैरेंसी, ऑनलाइन साइबर ट्रैफिकिंग, सोशल मीडिया संबंधी अपराध से जुड़े मामले
किसी सरकारी वेबसाइट की नकल करना या उसको प्रभावित करने का मामला। यह थाना 21 जून को सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद 23 जून से शुरू हो जाएगा।