क्राइम
CBI ने विदेश में नौकरी का झांसा दे भारतीयों को म्यांमार ले जाने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, कराते थे साइबर ठगी क्राइम
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार (3 सितंबर) चंडीगढ़ के एक गिरोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें कथित तौर पर थाईलैंड में आकर्षक नौकरियों की पेशकश के नाम पर भोले-भाले भारतीयों की तस्करी म्यांमार में की जा रही थी। गिरोह रिया सोनकर और अजय नामक एक सहयोगी ने किया, जो अच्छे वेतन वाली नौकरी का वादा करके भोले-भाले लोगों को टारगेट बनाते थे, लेकिन अंततः उन्हें साइबर-क्राइम सिंडिकेट में धकेल देते थे।
सोनकर के परिसर में हाल ही में की गई तलाशी में घोटाले के व्यापक डिजिटल साक्ष्य सामने आए। अधिकारियों के अनुसार, सोनकर ने थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया में कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव और डेटा एंट्री ऑपरेटर जैसी भूमिकाएं देकर लोगों को लुभाया। हालांकि, इसके बजाय उन्हें म्यांमार के म्यावड्डी में तस्करी कर लाया गया, जो चीनी और भारतीयों द्वारा संचालित साइबर-क्राइम नेटवर्क के लिए कुख्यात क्षेत्र है।
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पीड़ितों को ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता था। अगर वे मना करते थे तो उन्हें शारीरिक शोषण और बिजली के झटके दिए जाते थे। सोनकर की धोखाधड़ी का पर्दाफाश तब हुआ जब उसने एक चीनी कंपनी में नौकरी के बहाने लोगों को म्यांमार भेजने का इंतजाम किया। इसमें 1,000 डॉलर का वेतन और अन्य लाभ देने का वादा किया गया था।
पीड़ितों को म्यांमार में यांगून के लिए बिजनेस वीजा और टिकट जारी किए गए थे। गंतव्य में अचानक बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सोनकर ने संदिग्ध कारण बताए। लोग उसकी बातों में आ गए। उड़ान पर चढ़ने पर, पीड़ितों को एक भारतीय यात्री ने म्यावड्डी में मानव तस्करों के जाल के बारे में चेतावनी दी। सूचित यात्री ने उन्हें आगमन पर सहायता के लिए म्यांमार में भारतीय दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी।
यांगून पहुंचने पर,पीड़ितों को संदिग्ध व्यक्तियों का सामना करना पड़ा, जो कथित तौर पर कंपनी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जांच में सोनकर की इसी तरह के काम के लिए और लोगों की भर्ती करने की योजना का खुलासा हुआ, जबकि सीबीआई के तलाशी अभियान ने ऑपरेशन की सीमा के बारे में पर्याप्त सबूत प्रदान किए।
एजेंसी की एफआईआर में भारतीय दंड संहिता के तहत धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 370 (3) (मानव तस्करी) शामिल हैं, जो सोनकर और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है। सीबीआई इस रैकेट को खत्म करने और म्यांमार में अभी भी फंसे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है। एजेंसी अंतरराष्ट्रीय समकक्षों और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। रोजगार के अवसरों की तलाश कर रहे कमजोर व्यक्तियों का और अधिक शोषण रोका जा सके।