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साइबर अपराध का बढ़ता खतरा: FCRF का ‘साइबर सुरक्षित उत्तर प्रदेश’ पहल लॉन्च, जानें इसके बारे में
फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRF) ने अपनी महत्वाकांक्षी पहल ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ की शुरुआत की घोषणा की है। इसका उद्देश्य राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करना और लोगों को साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से बचाना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा सफल ‘साइबर सुरक्षित भारत’ पहल के बाद इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना, क्षमता निर्माण करना और पूरे राज्य में साइबर स्वच्छता को बढ़ावा देना है।
साइबर सेफ उत्तर प्रदेश की प्रमुख बातें:
1. जन जागरूकता: FCRF आम जनता, सरकारी कर्मचारियों, कॉर्पोरेट संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों की मदद से जागरूकता अभियान चलाएगा। ये प्रयास इन समूहों को साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अभियान डिजिटल मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित किए जाएंगे।
2. क्षमता निर्माण: यह पहल मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (CISO), सरकारी कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों के बीच क्षमता निर्माण के लिए डिजाइन किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों, वर्कशॉप, सेमिनार और सम्मेलन की एक सीरीज आयोजित करेगी। ये कार्यक्रम प्रतिभागियों को साइबर खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने में महत्वपूर्ण हैं। FCRF का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। इसने पुलिस, बैंक, कॉर्पोरेट क्षेत्र और जनता के लिए 100 से अधिक क्षमता-निर्माण और जागरूकता पाठ्यक्रम आयोजित किए हैं।
3. स्कूलों में साइबर स्वच्छता अभियान: कम उम्र से ही साइबर जागरूकता के महत्व को समझते हुए, FCRF उत्तर प्रदेश के स्कूलों में साइबर स्वच्छता अभियान लागू करेगा। ये अभियान राज्य के व्यापक प्रशासनिक प्रभागों को ध्यान में रखते हुए चरणों में चलाए जाएंगे, जिसमें 18 मंडल, 75 जिले, 13 नगर निगम, 226 नगर बोर्ड, 822 ब्लॉक, 8135 न्याय पंचायत, 915 शहरी निकाय, 59,613 ग्राम सभाएं, 97,941 गांव और 180,000 से अधिक डाकघर शामिल हैं।
4. सहयोगात्मक प्रयास: सरकार, पुलिस, कॉर्पोरेट संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और अन्य विभागों के सहयोग से FCRF उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों और कमिश्नरेट में वॉकथॉन, स्लोगन प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक (स्ट्रीट प्ले) सहित कई तरह की गतिविधियां आयोजित करेगा। इन गतिविधियों का उद्देश्य साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में ज्यादा से ज्यादा को शामिल करना है।
5. हैकथॉन और साइबर ड्रिल: नवाचार (innovation) और तैयारी को प्रोत्साहित करने के लिए पहल हैकथॉन और साइबर अभ्यास की मेजबानी करेगी। इसमें प्रतिभागियों को वर्तमान साइबर सुरक्षा चुनौतियों के समाधान विकसित करने और नकली साइबर हमलों के खिलाफ अपनी तत्परता का परीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
6. सक्रिय सलाह और अलर्ट: विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से नियमित सलाह और अलर्ट जारी किए जाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता उभरते साइबर खतरों के अलावा खुद को सुरक्षित रखने को लेकर जानकारी रखें।
7. शिक्षाविदों, गैर सरकारी संगठनों और उद्योग के साथ जुड़ाव: एफसीआरएफ ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ पहल के दायरे और प्रभाव को बढ़ाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, कॉर्पोरेट संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और सरकारी विभागों से भागीदारी कोr सक्रिय रूप से आमंत्रित कर रहा है। ये सहयोग पूरे राज्य में एक लचीला साइबर सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र (Eco System) बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस पहल के साथ किसी भी तरह से जुड़ने के लिए कृपया research@futurecrime.org पर जुड़ें।
FCRF के बारे में जानें:
फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRF) एक संगठन है, जो अनुसंधान, शिक्षा और वकालत के माध्यम से साइबर सुरक्षा को बढ़ाने और डिजिटल अपराध का मुकाबला करने के लिए समर्पित है। FCRF ने हाल ही में बेहद सफल फ्यूचरक्राइम समिट 2024 का आयोजन किया। इसमें 100 से अधिक वक्ताओं ने भाग लिया और दुनियाभर से 1,500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे पर चर्चा करने और डिजिटल सुरक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है। इसके अतिरिक्त, FCRF ने विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों क्षमता निर्माण और जागरूकता पाठ्यक्रम आयोजित किए हैं, जो भारत में साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
2018 में MeitY द्वारा शुरू की गई ‘साइबर सुरक्षित भारत’ पहल ने राज्य-स्तरीय मजबूत मिसाल कायम की है। इस राष्ट्रीय पहल ने हजारों CISO और IT अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, जो भारत की साइबर सुरक्षा तत्परता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।