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क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने की तैयारी, भारत के बाद अमेरिका भी जोखिमों पर करेगा विचार
अमेरिका में बैंकिंग नियामकों ने क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को लेकर नियमों और विनियमों को स्पष्ट करने के लिए एक योजना की घोषणा की है। इसमें बताया गया है कि उसके बैंक क्रिप्टोकरेंसी का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। बता दें कि भारत सहित दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों और निवेशकों की सुरक्षा का आंकलन कर रही हैं। इस बीच यह खबर सामने आई है।
फेडरल रिजर्व सिस्टम, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और मुद्रा नियंत्रक के कार्यालय के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने एक बयान में कहा कि वे मानते हैं कि उभरते क्रिप्टो-एसेट सेक्टर बैंकिंग संगठनों, उनके ग्राहकों और समग्र वित्तीय प्रणाली के लिए संभावित अवसर और जोखिम प्रस्तुत करता है। ।
बयान में कहा गया, ‘पर्यवेक्षित संस्थान क्रिप्टो-एसेट-संबंधित गतिविधियों में Mecfn होना चाहते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि एजेंसियां समन्वित और समय पर स्पष्टता प्रदान करें जहां सुरक्षा और सुदृढ़ता, उपभोक्ता संरक्षण और लागू कानूनों और विनियमों के अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त हो। इसमें एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग भी शामिल है।’
साल 2022 में अमेरिकी एजेंसियां इस बात पर अधिक स्पष्टता प्रदान करने की योजना बना रही हैं कि क्या बैंकिंग संगठनों द्वारा संचालित क्रिप्टो-एसेट से संबंधित कुछ गतिविधियां कानूनी रूप से अनुमत हैं और सुरक्षा और सुदृढ़ता, उपभोक्ता संरक्षण और मौजूदा कानूनों और विनियमों के अनुपालन की अपेक्षाएं हैं।
एजेंसियों ने कहा कि वे क्रिप्टो-असेट की निगरानी जारी है और बाजार के विकसित होने पर अन्य मुद्दों को समाधान कर सकते हैं। इसके अलावा, एजेंसियां क्रिप्टो-एसेट से संबंधित गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले मुद्दों पर अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ जुड़ना और सहयोग करना जारी रखेंगी।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने की तैयारी
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए आगामी 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पेश करने जा रही है। वहीं इस बिल में क्रिप्टो की जगह सरकारी डिजिटल करेंसी के चलन को सुगम व प्रचलित करने करने का प्रस्ताव रखा गया है। बिल के प्रस्ताव के मुताबिक सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, लेकिन क्रिप्टोकरेंसीमें इस्तेमाल होने वाली तकनीक के तहत अपवाद के रूप में कुछ क्रिप्टो को मंजूरी भी दी जा सकती है। क्रिप्टोकरेंसी की जगह सरकार अपनी डिजिटल करेंसी ला रही है जिसे दिसंबर में लांच किया जा सकता है। इसकी घोषणा आरबीआइ पहले ही कर चुका है।क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश से जुटाए गए फंड के आतंकवाद में इस्तेमाल के साथ निवेशकों को होने वाले भारी नुकसान जैसी आशंकाओं के तहत सरकार यह कदम उठाने जा रही है।
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