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साइबर धोखाधड़ी: एसबीआई ने अपने खाताधारकों को इन ऐप्स और संदिग्ध लिंक से दूर रहने के लिए कहा

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साइबर धोखाधड़ी: एसबीआई ने अपने खाताधारकों को इन ऐप्स और संदिग्ध लिंक से दूर रहने के लिए कहा

किसी भी वित्तीय नुकसान से बचने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को साइबर जालसाजों से आगाह किया है। उन्हें असत्यापित ग्राहक सेवा और संदिग्ध लिंक से दूर रहने की सलाह दी है। रविवार को, बैंक ने अपने ग्राहकों को फिशिंग लिंक के खिलाफ चेतावनी दी, जिससे उनकी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी चुराई जा सकती है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने अपने खाताधारकों से कहा है कि वे अपने फोन में कोई भी संदिग्ध एप्लिकेशन डाउनलोड न करें। बैंक ने QuickSupport, Anydesk, Mingleview और Teamviewer जैसे मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में भी चेतावनी दी। साथ ही लोगों को यूपीआई सेवा का उपयोग करते समय सतर्क रहने और अज्ञात स्रोतों से आने वाले अनुरोधों से सावधान रहने के लिए भी कहा है।

पिछले महीने, मुंबई के एक निवासी को साइबर जालसाजों ने एनीडेस्क एप्लिकेशन डाउनलोड कराकर 1.75 लाख रुपये ठग लिए थे। एसबीआई के इस ग्राहक ने अपने प्रीपेड सिम पर 500 रुपये का रिचार्ज कराया था। हालांकि, ट्रांजेक्शन खारिज हो गया, लेकिन बैंक से राशि काट ली गई।

काटे गए पैसे के बारे में पूछताछ करने के लिए, व्यक्ति ने एसबीआई के कस्टमर केयर नंबर को गूगल से हासिल किया। नंबर मिलाने पर एसबीआई कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बनकर धोखाधड़ी करने वाले एक शख्स के पास फोन गया। उसने पीड़ित को एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। जालसाज ने एसबीआई ग्राहक से एक छोटा सा भुगतान करने के लिए कहा और बैंक खाते के विवरण तक पहुंच प्राप्त की।

जालसाजों ने कई ट्रांजेक्शन करके 1.75 लाख रुपये की ठगी की। इसी तरीके से आगे की पढ़ाई के लिए नीदरलैंड जा रहे एक छात्र से जुलाई में साइबर फ्रॉड में 4.37 लाख रुपये ठगे गए थे।

हाल ही में, कई कस्टमर्स को एसबीआई से होने का दावा करने वाले एसएमएस प्राप्त हुए, जिसमें उनको नेट बैंकिंग के माध्यम से दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए कहा गया। संदेश में दावा किया गया, “प्रिय ग्राहक आपका एसबीआई बैक खाता ब्लॉक कर दिया गया है। कृपया अपने दस्तावेज़ को अपडेट करें। एसबीआई वेबसाइट पर जाएं नेट बैंकिंग द्वारा अपडेट करने के लिए यहां क्लिक करें https://sbikycupdate.online।”

हालांकि, एसबीआई ने इसे फर्जी बताया और यूजर्स से संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने को कहा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने एक ट्वीट में अपने खाताधारकों को सलाह दी है कि वे किसी के साथ बैंक क्रेडेंशियल साझा न करें। बैंक ने कहा, ”साझा करना हमेशा ध्यान देने वाला नहीं होता है। एसबीआई कहता है कि कभी भी अपने बैंक विवरण और एटीएम या यूपीआई पिन किसी के साथ साझा न करें।”

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