क्राइम
छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड बिजलीकर्मी से 63 लाख की धोखाधड़ी, जामताड़ा से तीन गिरफ्तार, ठगी के लिए 221 सिम कार्ड का इस्तेमाल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अभनपुर निवासी रिटायर्ड बिजलीकर्मी अशोक कुमारु साहू से 63.33 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में अभनपुर थाना पुलिस और साइबर सेल ने तीन आरोपियों को झारखंड जामताड़ा से गिरफ्तार किया है। वारदात खास बात यह है कि ठगों ने दो-तीन नहीं बल्कि 221 सिमों का इस्तेमाल किया। मामले में नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहलीडीह ग्राम से आरोपित फूल चंद दास, दुलाल दास व अशोक दास को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से ठगी की कुछ रकम भी बरामद हुई है। अभनपुर थाना पुलिस और साइबर सेल की 12 सदस्यीय टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए जामताड़ा गई थी।
अभनपुर निवासी अशोक कुमार साहू ने एक सप्ताह पहले ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया था कि डेढ़ माह पहले उनके बेटे किशोर की कोरोना से मौत हो गई। ठगों ने बैंक अधिकारी बनकर फोन पर उनको मृत बेटे का खाता अपडेट करने का झांसा दिया और उनसे ओटीपी पूछकर पैसे निकाले । उनका खाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में है। वह चार माह पहले सेवानिवृत हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद मिली रकम उनके खाते में जमा था। बेटे की मौत से घर पर मातम छाया हुआ था। इसी दौरान यह फोन आया था।
बैंक की बड़ी खामी आई सामने
63 लाख की ठगी के मामले में बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ठगों ने बुजुर्ग से ओटीपी पूछकर 25 बार में पैसे निकाले, लेकिन खाते से पैसे कटने का एक भी मैसेज नहीं आया। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 22 मोबाइल और 221 सिम का प्रयोग कर रकम खाते से उड़ाकर वैलेट में भेजी।
एक खाते से दूसरे खाते में पैसे कर देते ट्रांसफर
ठगी की रकम को ठग एक बैंक खाते में नहीं रखते हैं। तीन से चार खातों को ट्रांसफर कर देते हैं। इससे पुलिस को भी उन तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिनके खाते में रकम ट्रांसफर की जाती है, उनको कमीशन मिलता है।
ऐसे बचें ठगी से
कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा तो लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की ओर बढ़े। इसके चलते ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि, इससे बचाव संभव है। अगर हम कुछ छोटी- मोटी बातों का ध्यान रखें तो हम ठगों के जाल में फंसने से बच सकते हैं। आइए जानते हैं उसके बारे में:
- अपना ओटीपी, सीवीवी, एटीएम पिन किसी के साथ शेयर न करें। अपना ऑनलाइन बैंकिंग पासवर्ड और पिन को समय-समय पर बदलते रहें। यदि आपका एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड खो जाता है तो तुरंत उसे ब्लॉक कराएं।
- मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करते समय केवल अपने मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल करें। किसी भी ऑनलाइन फॉर्म में सोच समझकर और पूरी सतर्कता के साथ अपनी निजी जानकारी भरें।
- सोशल मीडिया अकाउंट्स को केवल अपने पर्सनल डिवाइसिज़ पर ही खोलें और इस्तेमाल करने के बाद लॉग-आउट करना न भूलें। एसएमएस, ईमेल और सोशल मीडिया पर भेजे गए संदेहजनक लिंक्स पर क्लिक न करें।
- कभी भी अपना पासवर्ड नंबर और स्पेशल करेक्टर और अक्षर के इस्तेमाल से बनाएं। मोबाइल नंबर को कभी भी अपना पासवर्ड न रखे। इसे गेस करना आसान होता है।
- ध्यान रहे बैंक की ओर से फोन करके या फिर एसएमएस करके कभी भी आपसे यूजर आईडी, पिन, पासवर्ड, सीवीवी, ओटीपी, वीपीए (यूपीआई) जैसी संवेदनशील जानकारी नहीं मांगी जाती है। अगर आपके पास इस तरह का कोई फोन या एसएमएस आए तो सावधान हो जाएं और किसी के साथ कोई जानकारी शेयर न करें। बैंक को इसकी सूचना दें।
- ऑनलाइन फ्रॉड होने पर नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 पर तुंरत फोन करें। शिकायत मिलते ही इंडियन साइबर-क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर ( I4C) सेंटर सक्रिय हो जाएगा। आरबीआई से जुड़े बैंको और ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म पर तुरंत सूचना पहुंच जाएगी। इससे तुरंत धोखाधड़ी का पता चल जाएगा और समस्या का जल्दी समाधान भी मुमकिन होगा।