क्राइम
फ्राड-टू-फोन गैंग से साइबर अपराध में प्रयुक्त 872 मोबाइल फोन जब्त, चार राज्यों की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में तीन को दबोचा
केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर सुरक्षा इकाई एफकोर्ड की तरफ से साइबर अपराध के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है। चार राज्यों की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में एक फ्राड-टू-फोन (F2P) गैंग से 872 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इनकी कीमत 86 लाख रुपये से अधिक बताई गई है। एक अधिकारी ने बताया कि साइबरसेफ एप से मिली सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश व हरियाणा पुलिस ने जांच के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 15.15 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की गई है।
अब तक एफ2पी गिरोह से 1.5 करोड़ रुपये से अधिक के 1,100 से ज्यादा मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं। 25 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और उनसे 25 लाख से ज्यादा की नकदी भी जब्त की गई है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एफ2पी के हरियाणा नेटवर्क के सदस्य बालाघाट वाट्सएप ग्रुप में भी सक्रिय थे। ग्रुप का संचालन मुख्य आरोपी हुकुम सिंह बिसेन करता था। इसके अलावा कैथल निवासी अन्य आरोपी रजत मदन से 872 मोबाइल फोन जब्त किए गए और सहयोगी सुधीर नारंग के साथ उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
धोखाधड़ी में प्रयुक्त 55 हजार फोन नंबर व हजारों बैंक खातों की पहचान
साइबरसेफ एप का निर्माण एफकार्ड ने किया है और यह अगस्त 2019 से सक्रिय है। यह 19 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की 3,000 से ज्यादा कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) व थानों तथा 18 वित्तीय संस्थाओं से जु़ड़ा है। जब कोई पीड़ित साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराता है, तो उसकी सूचना साइबरसेफ एप में डाली जाती है। वह सूचना सभी संबंधित के पास पहुंच जाती है, जिससे अपराध को रोकने व अपराधी की गिरफ्तारी में मदद मिलती है। इसमें अब तक 65 हजार फोन फ्राड की शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं और धोखाधड़ी में प्रयुक्त 55 हजार फोन नंबर व हजारों बैंक खातों की पहचान की जा चुकी है।
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