क्राइम
Whale phishing: रियल एस्टेट फर्म को 40 लाख रुपये का नुकसान, साइबर जालसाजों ने कंपनी निदेशक बनकर किया फर्जीवाड़ा
व्हेल फिशिंग के एक संदिग्ध मामले में साइबर अपराधियों ने कंपनी के निदेशक बनकर एक कंपनी के कर्मचारी को फर्जी बैंक खाते में बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए बरगला दिया। पुणे की एक रियल एस्टेट कंपनी को 40 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। पुणे सिटी पुलिस के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन की एक टीम द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद, रियल एस्टेट फर्म के 39 वर्षीय निदेशक की शिकायत के आधार पर रविवार को डेक्कन जिमखाना पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई।
व्हेल फिशिंग की जांच शुरू कर दी गई है। इसे ‘स्पीयर फिशिंग स्कैम’ या ‘सीईओ स्कैम’ भी कहा जाता है। इन मामलों में साइबर हमलावर कंपनियों के प्रमुख के रूप में खुद को पेश करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को बड़ी रकम को फर्जी खातों में ट्रांसफर करने के लिए फुसला लेते हैं। पुणे शहर और पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने पिछले एक साल में व्हेल फिशिंग के कई मामलों की जांच की है और कई संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है, जो संगठित साइबर अपराध रैकेट का हिस्सा थे।
डेक्कन जिमखाना पुलिस में दर्ज ताजा मामले में रियल एस्टेट फर्म के एक कर्मचारी को कुछ महीने पहले एक अज्ञात फोन नंबर से एक मैसेज मिला था, जिसे भेजने वाले ने खुद को कंपनी का निदेशक बताया था। इस नंबर पर फोन मैसेंजर प्रोफाइल पर डिस्प्ले पिक्चर के तौर पर निदेशक की प्रोफाइल तस्वीर भी थी। भेजने वाले ने कर्मचारी को मैसेज भेजा कि वह व्यस्त है और फोन पर बात नहीं कर पाएगा।
मैसेज में कर्मचारी को थोड़े समय में 40.6 लाख रुपये की बड़ी रकम ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था। बाद में जब कर्मचारी ने निदेशक से बात की तो उसे पता चला कि निदेशक ने फंड ट्रांसफर के ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए थे। यह स्पष्ट हो गया कि फर्म से 40 लाख रुपये ठगे गए हैं। पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए सेल फोन नंबर और बैंक खाते की जांच शुरू कर दी है, जो उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक पते पर पंजीकृत है।
पिछले साल जुलाई से लेकर अब तक पुणे सिटी पुलिस ने करीब आठ ‘व्हेल फ़िशिंग अटैक’ की रिपोर्ट की है। पिछले साल नवंबर में दर्ज ऐसे ही एक मामले में, पुणे स्थित वैश्विक वैक्सीन प्रमुख सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को एक करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। फरवरी में दर्ज मामले में,एक रियल एस्टेट कंपनी को 4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
आम फिशिंग स्कैम में संभावित पीड़ितों के व्यापक समूह को लक्षित किया जाता है, लेकिन व्हेल फिशिंग या स्पीयर फिशिंग में नामी व्यक्तियों,अक्सर कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को लक्षित करते हैं, जो वित्त मामले को संभालते हैं।
‘व्हेल फ़िशिंग’ शब्द प्रभावशाली व्यक्तियों को लक्षित करने पर जोर देता है। इस प्रकार की धोखाधड़ी 2010 के दशक के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रचलित हुई। हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को सीधे लक्षित करने के अलावा, ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें अपराधी संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने के लिए कर्मचारियों को बरगला सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, इससे केवल वित्तीय नुकसान का जोखिम नहीं है, क्योंकि महत्वपूर्ण जानकारी उजागर होने से कंपनी के संचालन पर दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।