क्राइम
वाराणसी में रिटायर्ड शिक्षिका से 3.55 करोड़ ठगी का मामला: पैसा ट्रांसफर कराने वाला शख्स गिरफ्तार, गैंग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया
वाराणसी में रिटायर्ड शिक्षिका से 3.55 लाख की साइबर फ्रॉड के मामले में आरोपी गिरफ्तार हो गया है। साइबर क्राइम पुलिस ने बुधवार को कैंट स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार के पास से उसे गिरफ्तार किया। उसके पास से 71 हजार रुपये बरामद हुए। उसने साइबर ठगी के 55 लाख रुपये अपने फर्जी फर्म से संबंधित बैंक खाते में रखे थे। मामले में अबतक 14 गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी ने गैंग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। वह खुद फर्जी जीएसटी और फर्म के नाम पर बैंक खाता खुलवाकर बड़ी रकम मंगाता था।
साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र के अनुसार गिरफ्तार युवक का नाम पवन सिंह है। वह 20 साल का है। वह राजस्थान के जयपुर के मालवीय नगर का रहने वाला है। पवन ने पूछताछ में बताया कि वह जल्द पैसा कमाने की चाह में साइबर अपराधियों के गिरोह से जुड़ा था। अपने और साथियों के नाम पर किराए के घर का पता दिखाकर बैंक खाता खुलवाकर साइबर अपराधियों को देता था। इसके बदले उसे कमीशन दिया जाता था।
ऐसे करते थे ठगी
उसने बताया कि वह और उसके साथी करंट अकाउंट किसी भी कंपनी के नाम से खोल लेते थे। उसमें फ्रॉड का पैसा मंगाते थे। कुछ दिन पहले रथयात्रा निवासी महिला शंपा रक्षित से ठगी के मामले में साथियों द्वारा विभिन्न खातों में पैसा ट्रांसफर कर निकाल लिया गया, जिसमें उसे भी बड़ी रकम मिली थी। कुछ दिन बाद बैंक से मालूम चला कि खाता वाराणसी की साइबर पुलिस ने बंद कर दिया है। वह इस सिलसिले में वाराणसी पहुंचा था और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे हुई ठगीशंपा रक्षित को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने ठगा था। इस कॉलर ने शंपा को उनकी मोबाइल सेवा जल्द ही बंद होने की चेतावनी दी। इसके बाद एक अन्य जालसाज ने खुद को मुंबई का पुलिस अधिकारी बताते हुए उन पर अवैध गतिविधियों में शामिल होकर का आरोप लगाया और जांच के लिए कथित आरबीआई खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए उसे मजबूर किया।
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