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क्राइम

यूपी पुलिस ने की साइबर ठगों के खातों से दो करोड़ की रिकवरी,दर्जनों लोगों के पैसे वापस, ठगी से बचने के लिए दी अहम सलाह

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यूपी पुलिस ने की साइबर ठगों के खातों से दो करोड़ की रिकवरी,दर्जनों लोगों के पैसे वापस, ठगी से बचने के लिए दी अहम सलाह

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मई 2021 से अबतक सूबे में साइबर ठगी के करीब सात करोड़ रुपये रिकवर की है। इसमें साइबर अपराधियों से 2 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद हुए हैं। इसके अलावा ठगों के बैंक खातों में जमा 5 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं। यूपी पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के पीड़ितों को ऐसे मामलों की रिपोर्ट 155260 पर तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी है।

यूपी पुलिस ने अपने बयान में कहा कि में दूर-दराज राज्यों में बैठे साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं और ऑनलाइन माध्यमों उन्हें ठग रहे हैं। यूपी पुलिस की साइबर सेल धोखाधड़ी की ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करती रही है और ठगों से धन की वसूली भी की है।

पुलिस ने कहा कि अब तक साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से ठगे गए 2.02 करोड़ रुपये वापस कराए गए हैं, जबकि विभिन्न बैंक खातों में जमा 5.09 करोड़ रुपये फ्रीज कराए गए हैं। ये रुपये बरेली, चित्रकूट, सहारनपुर, गौतम बौद्ध नगर, मुरादाबाद, वाराणसी, लखनऊ, अलीगढ़, प्रयागराज सहित साइबर पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र के हैं।

ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में पीड़ित तुरंत करे शिकायत
यूपी के पुलिस अधीक्षक (साइबर सेल) त्रिवेणी सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक योजना के साथ इस साल मई में साइबर धोखाधड़ी के पीड़ितों के बैंक खातों में पैसा वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई। किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में पीड़ित को तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 या आपातकालीन पुलिस नंबर 112 पर कॉल करना चाहिए।

तुरंत शिकायत से रिकवरी की संभावना अधिक
यूपी पुलिस ने सभी बैंकों, पेमेंट गेटवे और इससे जुड़े मोबाइल वॉलेट के साथ एक व्यवस्था बनाई है। इसलिए जब कोई मामला सीधे 155260 पर रिपोर्ट किया जाता है, तो पैसा तुरंत रोक दिया जाता है और इसके रिकवरी की संभावना अधिक होती है। साइबर फ्रॉड के शिकार लोग 112 पर कॉल भी कर सकते हैं। इस नंबर पर 24 घंटे कॉल मॉनिटरिंग सिस्टम भी है।

देरी पड़ सकती है भारी
वरिष्ठ अधिकारी ने आगाह किया कि साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों को बगैर समय गंवाए तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए। कई बार मामले तब रिपोर्ट किए जाते हैं जब ठगों द्वारा पैसे पहले ही निकाल लिए जाते हैं।

साइबर क्राइम थानों की प्रमुख रिकवरी

  • बरेली में होरीलाल को ठगी के 2.76 लाख रुपये वापस।
  • चित्रकूट धाम में अब्दुल हकीम अंसारी के 10.27 लाख में से 7.39 लाख की वापस।
  • सहारनपुर में सचिन कुमार के चार लाख रुपये वापस।
  • अलीगढ़ में अनुपमा तिवारी के 1.63 लाख में से 90 हजार रुपये वापस।
  • प्रयागराज में अखिलेश मिश्रा के 1.24 लाख में से 94 हजार रुपये, गौरव सिंह के 3.15 लाख और डॉ. आनन्द कुमार के 1.25 लाख रुपये वापस।
  • मुरादाबाद में मयंक अग्रवाल के 1.10 लाख वापस।
  • वाराणसी में अजय श्रवण तिवारी करीब दस हजार, सुजीत कुमार राय के 72 हजार और सुनील कुमार गुप्ता के 56 हजार रुपये वापस।
  • लखनऊ में संजीव शुक्ला के 1.60 लाख, राम सिंह के 3.46 लाख, कैलाशचंद्र उपाध्याय के 2.18 लाख, प्रदीप यादव के 2.46 लाख और अरविन्द द्विवेदी के 2.20 लाख रुपये वापस ।
  • गौतमबुद्धनगर में रिटायर्ड कर्नल रणवीर सिंह के 1.40 लाख, सुमित अग्रवाल के 95 हजार, गोपाल शर्मा के 80 हजार, दीपक सक्सेना के 1.14 लाख, संदीप कुमार के 1.02 लाख, मंजू सिंह के 57 हजार और अभिषेक सिंह के करीब पचास हजार रुपये वापस।

साइबर क्राइम से बचने के लिए ये बात रखें ध्यान

  • किसी को ओटीपी न दें।
  • किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  • जटिल पासवर्ड का प्रयोग करें। नंबर, लेटर और कैरेक्टर तीनों का इस्तेमाल करें।
  • किसी भी वेबसाइट पर अपनी जानकारी देने पहले उसे अच्छी तरह से जांच लें।
  • कस्टमर केयर का नंबर कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
  • वॉलेट और केवाईसी अपडेट ऑथराइज्ड सेंटर से ही कराएं।
  • टू-स्टेप-वेरीफिकेशन का इस्तेमाल करें।

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