क्राइम
UP DGP ने Cyber Crime को लेकर दिया बड़ा आदेश, 5 लाख तक के साइबर अपराध पीड़ितों को नहीं जाना पड़ेगा साइबर थाने
दिन प्रतिदिन बढ़ते साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने और पीड़ितों की सहूलियत के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एक नया आदेश जारी किया है। इस नये आदेश में अब एक लाख की जगह 5 लाख रुपये तक की साइबर फ्रॉड के शिकार पीड़ित स्थानीय पुलिस थाने पर एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। उन्हें साइबर पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं होगी।
वहीं इससे अधिक का साइबर फ्रॉड होने पर पीड़ित को साइबर थाने जाने की जरूरत होगी। डीजीपी के इस आदेश से जहां साइबर पुलिस स्टेशन का भार कम होगा। वहीं पीड़ितों को भी कुछ सहूलियत मिलेगी।
दरअसल, साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के चलते पिछले साल प्रदेश में 18 रेंज में साइबर थाने खोले गये थे। इनमें एक लाख रुपये से अधिक की ठगी होने पर पीड़ितों को साइबर थाने में शिकायत करने जाना पड़ता था। ऐसे में लोगों को एफआईआर दर्ज कराने के लिए साइबर थाने तक की लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। ऐसे में लोगों की परेशानी को कम करने के लिए डीजीपी ने आदेश जारी किया है। जिसके तहत अब लोग 5 लाख रुपये तक के साइबर फ्रॉड का मुकदमा अपने स्थानीय थाने पर करा सकेंगे।
आईजी राकेश सिंह ने बताया कि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए सभी स्थानीय थानों पर साइबर फ्रॉड के शिकार पीड़ितों के लिए पब्लिक हेल्प डेस्क खोली गई है। इसके लिए बाकायदा उन्हें प्रशिक्षण किया गया है। जिसे फरियादियों की शिकायत आसानी से स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सके।
अलीगढ़ रेंज थाने में सिर्फ 42 मुकदमें दर्ज
रेंज साइबर क्राइम थाना अलीगढ़ के रिकॉर्ड की मानें तो पिछले दो सालों में यहां साइबर क्राइम के 42 मुकदमें दर्ज किये गये हैं। इनमें एटा के दो, हाथरस, कासगंज और अलीगढ़ जिले के हैं। वहीं पांच लाख से अधिक की साइबर फ्रॉड के सिर्फ 10 मुकदमें दर्ज किये गये हैं। बाकी 32 मुकदमें पांच लाख रुपये से कम की ठगी वाले हैं। इन सभी की जांच जारी है। पुलिस ने इन मामलों में कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
इस वजह से किया गया है बदलाव
वहीं बता दें कि साइबर थानों में संसाधनों की कमी और बढ़ते साइबर क्राइम को काबू करने के लिए नया आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही शिकायत लेकर थाने पहुंचने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना न करना पड़ा। एक लाख से पांच लाख रुपये तक की ठगी के शिकार तुरंत शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसमें समय और तेज कार्रवाई से ज्यादा से ज्यादा पीड़ितों के पैसे साइबर ठगों के चंगुल से निकालने में मदद मिलेगी।
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