Connect with us

क्राइम

UP साइबर पुलिस ने नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड से पेंशनरों से ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

UP साइबर पुलिस ने नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड से पेंशनरों से ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, जानें क्या है पूरा मामला

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की साइबर अपराध सेल ने फर्जी वेबसाइट बनाकर जाली आधार कार्ड (Fake Aadhar Card) और पैन कार्ड (PAN Card) के जरिए पेंशनरों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। मामले में अब तक 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।

दरअसल, सभी अभियुक्त फर्जी आधार कार्ड तथा पैनकार्ड का इस्तेमाल करके फर्जी बैंक खाता खोलकर लोगों के साथ ठगी करते थे। वे इन फर्जी आधार कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल लोगों को लूटने में किया करते थे। गिरफ़्तारी के बाद आरोपियों के साथ की गई पूछताछ और उनके पास से बरामद मोबाइल डिवाइस से यह सामने आया कि आरोपी फर्जी वेबसाइट www.digitalportal.in की मदद से नकली कूटरचित आधार कार्ड व पैनकार्ड बनाते थे। इसी क्रम में साइबर थाना वाराणसी टीम द्वारा उक्त वेबसाइट के डोमेन विवरण, कन्ट्रोल पैनल लॉग्स, पेमेंट गेटवे तथा अलग-अलग सेवा प्रदाता कंपनी उपलब्ध करवाती थी।

 

ALSO READ: माता वैष्णो देवी के दरबार जाने की बना रहे हैं योजना तो हो जाएं सावधान! हेलीकॉप्टर सेवा के नाम पर हो रही है ठगी, जानें-पूरा मामला

इस मामले की गहनता से जांच की गयी जिसमें पंकज यादव पुत्र लल्लन यादव निवासी बिहार की संलिप्तता सामने आई है। साथ ही अभियुक्त पंकज के पास मिले मोबाइल तथा लैपटॉप की फॉरेंसिक और बैंक खातों व अन्य सम्बंधित चीजों की जांच की जा रही है। इस पूरे ठगी के खेल में पंकज यादव के साथ अफजल आलम नाम का एक व्यक्ति और भी शामिल है। इस तरह की इनकी और भी वेबसाइट है। जिनका नाम www.digitalfastprint.co.in, www.digitalfastprint.online  www.digitalfastprint.in. www.reprintportal.xyz है।

Uttar Pradesh की साइबर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, पेंशनरों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

साइबर अपराधियों ने सबसे पहले डोमेन सर्विस प्रोवाइडर (domain service provider) की मदद से एक डोमेन खरीदा, जिसमें अलग-अलग तरह की कोंडिग कर वेबसाइट को तैयार किया जाता है। यह एक यूजर बेस वेबसाइट होती है जिसमें किसी भी शख्स अपना मोबाइल नम्बर और ईमेल आईडी (Email ID) डालकर अपनी यूजर आईडी (User ID) बनाई जाती है जो अपने आप ही वेरीफाई भी हो जाती है । यूजर आईडी बनने के बाद इस वेबसाइट में आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य डिजिटल गजट (Digital Gadgets) बनाने के लिए दो तरह की प्रोग्रामिंग मिलती है जिसमें कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन फिंगरप्रिंट के जरिए और मैनुअल यानी खुद से डेटा भरकर फर्जी कूटरचित आधार कार्ड, पैन कार्ड तथा अन्य डिजिटल गजट बना सकता है । इन वेबसाइट मे दो तरह की प्रोग्रामिंग होती है।

ALSO READ: Cyber Bank Fraud होने पर बस ये 3 टिप्स आजमाएं, 100% तक रिफंड हो जाएंगे पैसे, लेकिन इन गलतियों पर नहींं मिलेगा कोई रिफंड, जानें क्या है पूरा कानून

ये API क्या है?

आज के समय में डार्क वेब (Dark Web) व टेलीग्राम (Telegram) पर बहुत सारे साइबर अपराधी सक्रिय हैं। जो UIDAI तथा NSDL अधिकृत कंपनियों का डाटा चुराकर, उन्हें API बनाकर ऑनलाइन बेचते हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों इस API को खरीदकर अपनी वेबसाइट में लगा देते थे। जिससे अगर कोई व्यक्ति अपना आधार कार्ड नम्बर इनकी वेबसाइट के पोर्टल मे डालकर अपना फिंगरप्रिंट स्कैन कर लेता है तो यह उस व्यक्ति का सारा डेटा उनके पास पहुंच जाता था। जिससे वे नकली आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाते थे।

ALSO READ: देखिये कैसे यह लड़की कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर कर रही है धोखाधड़ी, कॉल और व्हाट्सएप पर दिया जा रहा पैसे जीतने का लालच, रहें सावधान

मैनुअल तरीके से ठगी

वेबसाइट में यह तरीका ऑफलाइन मैनुअल का है, जिसमें कोई व्यक्ति इनके वेबसाइट के पोर्टल को खोलकर अपना आधार नम्बर डालकर इसमें किसी भी व्यक्ति का नाम-पता, फोटो तथा हस्ताक्षर भरता है और आधार कार्ड बनने के लिए आगे प्रोसेस कर दिया जाता है, कुछ ही समय बाद नकली आधार कार्ड व पैन कार्ड बनकर तैयार हो जाते है। जिससे वे ठगी को अंजाम देते हैं।

Follow The420.in on

 Telegram | Facebook | Twitter | LinkedIn | Instagram | YouTube

Continue Reading