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क्राइम

2 महीने में 73 शिकायत के बाद एक्शन में तमिलनाडु साइबर क्राइम पुलिस, ‘SBI रिवॉर्ड पॉइंट स्कैम’ पर एडवाइजरी जारी

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तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने दो महीने में 73 शिकायतें मिलने के बाद ‘एसबीआई रिवॉर्ड पॉइंट्स स्कैम’ नाम को लेकर एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने कहा कि इस स्कैम से संबंधित शिकायतें तमिलनाडु से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्ट पोर्टल पर प्राप्त हुई थीं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, संजय कुमार ने कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा, “ठग सबसे पहले पीड़ित के मोबाइल फोन को हैक करके उनके सोशल मीडिया अकाउंट जैसे कि व्हाट्सएप एक्सेस करते हैं। यह फिशिंग अटैक या ऐप्स में खामियों का फायदा किया जा सकता है। सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुंच प्राप्त करने हैकर्स पीड़ित के सभी ग्रुप्स में एसबीआई रिवॉर्ड पॉइंट्स के बारे में फर्जी संदेश भेजते हैं। उन्होंने कहा कि मैसेज ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ आइकन और नाम के साथ आते हैं, ऐसे में वैध लगते हैं।

बैंक डिटेल्स अपडेट करने दावा

संजय कुमार ने बताया कि धोखाधड़ी वाले संदेशों में ऐसे लिंक होते हैं, जो पीड़ितों को उनके बैंक डिटेल्स अपडेट करने और उनके एसबीआई रिवॉर्ड पॉइंट्स को भुनाने में मदद करने का दावा करते हैं। संदेश में कहा कहा जाता है कि व्यक्ति के रिवॉर्ड पॉइंट समाप्त होने वाले हैं, जिससे उसे जल्दी रीडिम करने की जरूरत महसूस होती है। जब पीड़ित लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उन्हें एक APK फ़ाइल (एंड्रॉइड पैकेज) डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है।

मैलवेयर इंस्टॉल होता है

संजय कुमार ने बताया कि यह फाइल SBI रिवॉर्ड पॉइंट से संबंधित आधिकारिक एप्लिकेशन या अपडेट जैसे प्रतीत होती हैं। APK फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करके पीड़ित अनजाने में अपने डिवाइस पर मैलवेयर इंस्टॉल कर लेता है। यह मैलवेयर बैंकिंग क्रेडेंशियल, पासवर्ड और OTP सहित संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है।

बैंक खाते तक एक्सेस कर लेते हैं

संजय कुमार ने बताया कि अपने बैंक डिटेल्स दर्ज करने के बाद, पीड़ित को अपने फोन पर भेजे गए एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) को दर्ज करने के लिए कहा जाता है। यह OTP लेन-देन को सुरक्षित करने के लिए होता है, लेकिन ठग इसे जान जाते हैं। कैप्चर किए गए बैंक डिटेल्स और OTP के साथ, ठग पीड़ित के बैंक खाते तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर लेते हैं। वे फिर फंड ट्रांसफर कर सकते हैं या अन्य धोखाधड़ी गतिविधियां कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित को वित्तीय नुकसान हो सकता है।

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