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क्राइम

सिंथेटिक ड्रग्स का नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फैल रहा जाल, MDMA की बढ़ी डिमांड

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सिंथेटिक ड्रग्स (Synthetic Drugs) का जाल नोएडा ग्रेनो से लेकर एनसीआर में फैलता जा रहा है। नशे के लिए सिंथेटिक ड्रग्स MDMA का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले एक साल में ग्रेटर नोएडा में तीन ड्रग्स फैक्ट्री व नोएडा में एक ड्रग्स रैकेट के खुलासे के बाद यह बात सामने आई है कि नोएडा-एनसीआर में MDMA की डिमांड भी बढ़ी है और इसके स्थानीय खरीदार भी हैं। इसके बाद अब एक बार फिर स्थानीय पुलिस व केंद्रीय एजेंसियां (Central Agencies) अलर्ट हुई हैं। नोएडा व एनसीआर के पब बार से लेकर फार्म हाउस तक में पार्टियों का दौर आमतौर पर चलता है। इसमें शराब की डिमांड हमेशा से रहती है। वहीं अफीम, कोकेन, हेरोइन जैसे नशीले पदार्थ का भी जबर्दस्त चलन है लेकिन अब सिंथेटिक ड्रग्स ने अफीम, हेरोइन जैसे नशीले पदार्थ को तेजी से पीछे से छोड़ दिया है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि सिंथेटिक ड्रग्स को मंगवाना, खपाना व इस्तेमाल करना आसान है। इस कारण इसकी मांग अधिक है। इस कारण नोएडा-ग्रेटर नोएडा सिंथेटिक ड्रग्स का केंद्र बनता जा रहा है। इसमें विदेशी नागरिकों के साथ साथ स्थानीय लोगों की भूमिका भी होती है। हाई प्रोफाइल प्राइवेट पार्टी में एमडीएमए की मांग सबसे अधिक है। इसमें नए उम्र के लोग सबसे आगे हैं। सिंथेटिक ड्रग्स एक बड़े अवैध कारोबार के रूप में भी उभर रहा है। हाल में ही ग्रेटर नोएडा में पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री की जांच में पुलिस को पता चला कि तीन हजार करोड़ से अधिक की एमडीएमए विदेश भेजी गई हैं। इसमें कई शेल कंपनियां बनाकर विदेशों में रकम भेजी गई।

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सिंथेटिक ड्रग्स का विदेशी कनेक्शन
Synthetic Drugs की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद इसमें विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है। खासकर नाइजीरियन गिरोह (Nigerian Gang) के लोग इसमें शामिल हैं। जब पुलिस की जांच में पता चला कि नाइजीरियन गिरोह के लोग मेडिकल या टूरिस्ट वीजा पर भारत आते हैं और कुछ लोग साइबर जालसाजी में लग जाते हैं तो कुछ लोग ड्रग्स सिंडिकेट में लग जाते हैं। पुलिस अब इस मामले में नाइजीरियन दूतावास से संपर्क कर इस बारे में जानकारी देगी।

क्या है सिंथेटिक ड्रग्स
सिंथेटिक ड्रग्स केमिकल से प्रयोगशाला में बनाया जाता है। इसमें पूरी तरह से रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होता है। इस ड्रग्स से बहुत कम मात्रा में बहुत ही जल्दी नशा होता है। सामान्य ड्रग्स की तुलना में सिंथेटिक ड्रग्स स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। सिंथेटिक ड्रग्स की खपत पब, बार से लेकर फार्म हाउस की पार्टियों में अधिक होती है। एमडीएमए भी सिंथेटिक ड्रग्स है।

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नोएडा के Pub में मिले थे इनपुट
नोएडा के कुछ Pub Bar में पहले भी ड्रग्स के इस्तेमाल के इनपुट मिले थे। करीब डेढ़ साल पहले गार्डन गैलेरिया (Garden Galleria) के एक बार में ड्रग्स के इनपुट पर केंद्रीय एजेंसियों ने जांच भी की थी। हालांकि इसकी पुष्टिï नहीं हुई थी। इसके अलावा कई बार, रेस्टोरेंट में भी इस तरह की सूचनाएं मिलती रही हैं। हाल में ही एल्विश यादव प्रकरण में भी रेव पार्टी में कई तरह के नशीले पदार्थ व सांपों के जहर की सप्लाई करने की बात भी चर्चा में रही है।

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