क्राइम
देश में तेजी से बढ़ता साइबर क्राइम, 2022 के दो महीनों में पूरे 2018 की तुलना में अधिक मामले सामने आए
इस साल की शुरुआत में कुछ मीडिया रिपोर्टों ने यह दावा करके हचलच मचा दी थी कि 20,000 से अधिक लोगों के व्यक्तिगत डेटा (Personal Data) को एक सरकारी सर्वर (Government Server) से लीक (Leak) कर बेच दिया गया। डेटा में स्पष्ट रूप से नाम, आयु, पता, मोबाइल नंबर और कोविड परीक्षा परिणाम जैसी जानकारी शामिल थे।
पिछले साल से एक लोकप्रिय पिज्जा ज्वाइंट (pizza joint,), एक प्रमुख एयरलाइन ( airline), एक डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म ( digital payment platform) और कई अन्य संस्थानों से इसी तरह के डेटा लीक होने की जानकारी मिली है। यह साइबर सुरक्षा (Cyber Security) पर केंद्र के नए सिरे से जोर देने के प्रमुख कारणों में से एक है।
सीईआरटी-इन (Indian Computer Emergency Response Team) के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले दो महीनों में पूरे 2018 की तुलना में अधिक साइबर अपराध दर्ज किए गए। सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करती है। 2018 के बाद से साइबर अपराध के मामलों (Cyber Crime Cases) में लगातार वृद्धि देखी गई है।
भारत में 2018 में 2,08,456 घटनाएं दर्ज हुईं; 2019 में 3,94,499 घटनाएं; 2020 में 11,58,208 मामले; 2021 में 14,02,809 मामले; और 2022 के पहले दो महीनों में 2,12,485 घटनाएं सामने आईं। उपरोक्त आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराध के मामले 2018 और 2021 के बीच तीन वर्षों में लगभग सात गुना और महामारी के दौरान अधिक तेजी से बढ़े।
सीईआरटी-इन डेटा के अनुसार साल 2018, 2019 और 2020 में क्रमशः 17,560 24,768 और 26,121 भारतीय वेबसाइट्स (Indian websites) को हैक किया गया था। हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) अलग डेटा का एक अलग पेश करता है। एनसीआरबी के अनुसार भारत में साल 2020 में 50,035, 2019 में 44,546 और 2018 में 27,248 साइबर अपराध के मामले सामने आए।
ALSO READ: How to Report Cyber Crime in India : ऐसे करें साइबर क्राइम की Online FIR
वर्ष 2020 में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी (Online Banking Fraud) के 4,047 मामले सामने आए। एटीएम धोखाधड़ी (ATM Fraud) के 2,16; क्रेडिट/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी 1194 और ओटीपी धोखाधड़ी 1093 मामले दर्ज हुए। एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर स्टाकिंग/धमकाने के 972 मामले और सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के 578 मामले भी थे।
धोखाधड़ी करना सबसे बड़ा मकसद पाया गया और यह कुल 50,035 मामलों (60.02 प्रतिशत) में से 30,142 के लिए जिम्मेदार था। इसके बाद यौन शोषण (6.6 प्रतिशत) और जबरन वसूली 4.9 प्रतिशत रही। साइबर अपराध दर कर्नाटक (16.2 प्रतिशत) में सबसे अधिक थी। इसके बाद तेलंगाना (13.4 प्रतिशत) और असम (10.1 प्रतिशत) का स्थान है।
Follow The420.in on
Telegram | Facebook | Twitter | LinkedIn | Instagram | YouTube