क्राइम
नाइजीरियन ठगों ने देश भर में खोले हैं 900 बैंक खाते,साइबर ठगी करके खातों से निकाले जा रहे करोड़ों रुपये

कानपुर के स्वरूप नगर स्थित गणेशा इकोटेक कंपनी के अधिकारी के नाम से बैंक को ईमेल भेजकर खाते से 2.45 करोड़ रुपये हड़पने वाले नाइजीरियन ठग राबर्ट से क्राइम ब्रांच टीम ने बरेली जेल में पूछताछ की। आरोपी ने दिल्ली निवासी अपने दो और साथियों के नाम बताए हैं। सर्विलांस की मदद से टीम उनकी तलाश कर रही है। उसने बताया कि देश भर में 900 बैंक खाते खोले हैं, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर कराते हैं।
पिछले महीने गणेशा इकोटेक ने मुकदमा दर्ज कराया था कि साइबर अपराधियों ने बैंक को फर्जी ईमेल भेजकर कंपनी के खाते से 13 विभिन्न खातों में रुपये जमा करा लिए। पुलिस ने जांच के बाद दिल्ली की महिला समेत तीन आरोपितों को जेल भेजा था। इससे पूर्व बरेली पुलिस ने भी दिल्ली निवासी राबर्ट को गिरफ्तार किया था, जो फर्जीवाड़े की रकम दूसरे खातों में जमा करवाता था।

क्राइम ब्रांच टीम के साथ स्वरूप नगर पुलिस ने सोमवार को बरेली जेल में राबर्ट से तीन घंटे तक पूछताछ की। उसने बताया कि दिल्ली निवासी दो नाइजीरियन मित्र भी भारतीय बैंक खातों का इंतजाम करते हैं। इन खातों में रकम आने के बाद 10 फीसद रकम खातेदार को देकर बाकी पैसा कलेक्ट करते हैं। अपना 40 फीसद हिस्सा लेकर बाकी रकम नाइजीरिया के बैंकों के खातों में जमा कर देते हैं। राबर्ट ने बताया कि विभिन्न कंपनियों व व्यक्तियों के बैंक खातों से रकम निकालकर ट्रांसफर करने के लिए देश भर में 900 से ज्यादा खाते तैयार किए गए हैं।
कुछ खाते दिल्ली में बाहरी प्रदेशों से आ रहे लोगों की आइडी पर खुले हैं। बाकी खाते लोगों ने खुद ही 10 फीसद कमीशन मिलने के लालच में दिए हैं। बरेली में पुलिस को मेहंदी हसन के हरपाल नाम से दो खातों और अरबाज के दो खातों का पता लगा है। इसी तरह पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने मुंबई निवासी मोहम्मद अजमेरी व साजिद अली को जेल भेजा था। उनके भी दो खातों में रकम जमा कराई गई थी।
नाइजीरिया से निर्देश दे रहा गिरोह का सदस्य
राबर्ट ने सरगना के नाम व पते की जानकारी नहीं दी है, लेकिन बताया कि बैंक खातों का इंतजाम करने के लिए नाइजीरिया के लागोस में बैठा एक शख्स उन्हें टारगेट देता था। लागोस के नागरिक वहां एक बड़ा आंदोलन भी चला रहे हैं। वह शख्स भी इसी आंदोलन से जुड़ा है। माना जा रहा है कि ठगी गई रकम को नाइजीरिया भेजकर वहां आंदोलन में इस्तेमाल किया जा रहा है। राबर्ट ने यह नहीं बताया कि बैंकों को ईमेल भेजने वाला शख्स आखिर कौन है।