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क्राइम

करोड़ों की ठगी के मामले में मास्टरमाइंड गिरफ्तार, नौकरी के नाम पर वसूलता था पांच से 10 लाख रुपये

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करोड़ों की ठगी के मामले में मास्टरमाइंड गिरफ्तार, नौकरी के नाम पर वसूलता था पांच से 10 लाख रुपये

सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक शातिर को कानपुर में क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। वह फेसबुक पर सचिवालय का अधिकारी बनकर लोगों को झांसे में लेता था। जांच में 34 लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर दो करोड़ रुपये से अधिक करने का मामला प्रकाश में आया है। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि कानपुर के नवाबगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले वरुण बाजपेयी से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 2019 में 10 लाख रुपये ठगे गए थे।

पांच लाख रुपये आनलाइन एक खाते में जमा हुए, जबकि पांच लाख रुपये कैश लिए गए थे। वरुण फेसबुक के जरिये उसका शिकार बना था और बाद में ठगी का अहसास होने के बाद नवाबगंज में मुकदमा कराया। जांच क्राइम ब्रांच आई तो शिवपूजन का नाम सामने आया। पता चला कि उक्त व्यक्ति सुल्तानपुर का रहने वाला और वर्तमान में लखनऊ में रहता है और गुरुवार को कानपुर के कल्याणपुर में अपने रिश्तेदार से मिलने आ रहा है। सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ हुई तो ठगी का पूरा रैकेट सामने आया।

फेसबुक पर खोजता था शिकार

डीसीपी ने बताया कि शिवपूजन ने फेसबुक पर शिवाजीराव और अनुराग ठाकुर दो नाम से अकाउंट बना रखे हैं। उसकी फेसबुक फ्रेंड लिस्ट में करीब 5000 के नाम हैं। वह खुद को सचिवालय में असफर बताता था। फेसबुक पर दोस्ती के बाद जब लोगों से बातचीत बढ़ती तो वह उन्हें रेलवे, सचिवालय में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता और उसके एवज में पद के अनुरूप 5 से 10 लाख रुपया अपने खाते में जमा करवा लेता था। डीसीपी ने बताया कि ठगी का शिकार हुए लोगों की अलग-अलग जनपदों व राज्यों से पहचान की जा रही है, अभी कई और ठगी के शिकार लोगों के सामने आने की उम्मीद है। 1.75 करोड़ के ट्रांजेक्शन की मिली जानकारी शिवपूजन के बैंक खातों की डिटेल से करीब 1.75 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन होने के सबूत क्राइम ब्रांच को मिले हैं, लेकिन उसके खाते में बैलेंस जीरो है। उसने सारा पैसा अय्याशी में उड़ा दिया है।

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