क्राइम
विदेशी नागरिकों से 125 करोड़ रुपये की ठगी: साइबर रैकेट का भांड़ाफोड़, 3 को 4 दिन की CBI, 40 को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को तीन लोगों को चार दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। इन पर कथित तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध करने का आरोप है। विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया गया और उनके साथ धोखाधड़ी की गई। अपराध में कथित रूप से शामिल चालीस अन्य लोगों को 9 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) निशांत गर्ग ने तीनों व्यक्तियों को सीबीआई हिरासत में भेजते हुए कहा, “जहां तक आरोपी ध्रुव खट्टर, धैर्य खट्टर और तुषार अरोड़ा का सवाल है तो साजिश का पता लगाने और सबूत जुटाने के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है।”
माइक्रोसॉफ्ट का अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों को ठगते थे
सीबीआई के अनुसार आरोपी व्यक्ति नई दिल्ली और आसपास के इलाकों से अवैध कॉल सेंटर चलाते थे। माइक्रोसॉफ्ट का अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों को ठगते थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर (125 करोड़ रुपये से ज्यादा) के लेन-देन शामिल थे।
अमेरिकी नागरिक से 6.5 मिलियन डॉलर की ठगी
एजेंसी ने आरोप लगाया कि 24 नवंबर 2022 को मिशेल फिंच नामक अमेरिकी नागरिक से 6.5 मिलियन डॉलर (54 करोड़ रुपये से ज्यादा) की ठगी की गई। सीबीआई के अनुसार, एक आरोपी ने माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी बनकर फिंच से जे पी मॉर्गन चेस बैंक और सिटी बैंक में दो बैंक खाते खुलवाए और हांगकांग के 16 बैंक खातों में 6.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर (54 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर कर दिए।
पॉप-अप के जरिए निशाना बनाया
यह सब तब शुरू हुआ जब फिंच को अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर एक फोन नंबर वाला पॉप-अप मिला। फोन नंबर पर संपर्क करने पर एक व्यक्ति ने माइक्रोसॉफ्ट टेक सपोर्ट बनकर उसे सूचित किया कि उसकी आइडेंटिटी हैक कर ली गई है।
दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव के पांच आईपी एड्रेस से जुड़े क्षेत्रों से अवैध कॉल
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्ति सिग्नल मैसेजिंग ऐप के जरिए अलग-अलग भारतीय सेवा प्रदाताओं के 46 मोबाइल नंबरों का उपयोग करके एक-दूसरे के संपर्क में थे। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि नई दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव के पांच आईपी एड्रेस से जुड़े क्षेत्रों से अवैध कॉल किए गए थे।
अरोड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका
ध्रुव, धैर्य और अरोड़ा की सात दिनों की हिरासत की मांग करते हुए, सीबीआई ने कहा कि “आरोपी व्यक्तियों को अपराध से सीधे जोड़ने वाले महत्वपूर्ण सबूत आरोपी धैर्य के निजी वाहन से बरामद किए गए हैं।” एजेंसी ने कहा कि अरोड़ा कॉल सेंटर में क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर के तौर पर काम करता था और उसने “अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध को अंजाम देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
जांच अभी बहुत ही प्रारंभिक और महत्वपूर्ण चरण में
अन्य 40 लोगों की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए सीबीआई ने दलील दी कि जांच अभी बहुत ही प्रारंभिक और महत्वपूर्ण चरण में है और उसे अपराध की आय के प्रवाह के साथ-साथ अन्य आरोपियों के ठिकानों का पता लगाने की जरूरत है।
40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
राउज एवेन्यू कोर्ट के खचाखच भरे कमरे में आरोपियों के वकीलों ने दलील दी कि उन्हें एफआईआर या रिमांड आवेदन की कॉपी नहीं दी गई। उन्होंने यह भी दलील दी कि आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार के बारे में सूचित नहीं किया गया। एसीजेएम गर्ग ने 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए और उनके वकीलों की दलीलों को खारिज करते हुए कहा, “अपराध की अंतरराष्ट्रीय प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए लगता है कि जांच बहुत ही प्रारंभिक चरण में है।आरोपियों को सबूतों से छेड़छाड़ करने, गवाहों को प्रभावित करने, अपराध को दोहराने से रोकने और त्वरित और निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की जरूरत है।”