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यूपी के साइबर क्राइम थानों में सजा का पहला मामला: अलीगढ़ में नाइजीरियन को सात साल कैद की सजा

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Delhi Cyber Police Busts Fraud Ring Exploiting Work-From-Home Aspirations

अलीगढ़ की जिला अदालत ने एक नाइजीरियाई साइबर क्रिमिनल (Nigerian Cyber Criminal) को 7 साल की सजा सुनाई है। उत्तर प्रदेश के साइबर क्राइम थाना में दर्ज किसी मामले में विदेशी साइबर क्रिमिनल को सजा दिलाने का यह पहला मामला सामने आया है। सजा पाने वाला गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल वैवाहिक विज्ञापन की साइट (Matrimonial Site) पर फर्जी तस्वीर लगा रीयल एस्टेट कारोबारी बात कर साइबर फ्रॉड करता था।

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पूरे मामले को यहां समझिए
अलीगढ़ के सिविल लाइंस इलाके की शिक्षिका से साइबर ठगी के मामले में नाइजीरियाई नागरिक को सात वर्ष कैद व दस लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। यह अलीगढ़ जिले में साइबर अपराध में दंडित किए जाने का पहला मामला है। फैसला एसीजेएम चतुर्थ की अदालत ने सुनाया है। अर्थदंड में से पचास फीसदी धनराशि पीड़ित पक्ष को देने के आदेश दिए गए हैं। वहीं साइबर टीम का दावा है कि प्रदेश के नवसृजित 18 साइबर क्राइम थानों में दर्ज अपराध में सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है। साइबर क्राइम की यह घटना 24 जुलाई 2021 की है। सिविल लाइंस क्षेत्र की महिला सऊदी अरब में शिक्षिका हैं। उनसे शादी डाट काम पर एक व्यक्ति ने दोस्ती की।

उसने महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा देकर कस्टम व आयकर चार्ज आदि के नाम पर कई बार में 4.80 लाख ठग लिए। जब महिला को खुद के साथ ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसमें पुलिस ने विवेचना करते हुए उन खातों की जांच की, जिनमें रुपये ट्रांसफर हुए। ये खाता चेन्नई की एक महिला इनग्रिट ग्रांट निवासी पैरंबूर, तमिलनाडु के नाम से निकला। पुलिस जब उस महिला तक पहुंची तो वह अंजान थी और उल्टा बताया कि उसके साथ भी किसी ने 25 हजार रुपये की ठगी की है।

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यह भी बताया कि आरोपी पक्ष ने उन्हें एक सिम भेजी थी। इस पर पुलिस ने खाते में अंकित मोबाइल नंबर को सर्च किया और उसकी लोकेशन देखी तो वह दिल्ली उत्तम नगर की पाई गई। यह भी साफ हुआ कि उत्तम नगर में ही बैंक से रकम निकाली गई है। फिर साइबर की मदद से उस सिम की जांच की तो पुलिस नाइजीरिया मूल निवासी ओनेका सोलोमन विस्डम उर्फ साइमन निवासी ए, 160, चाणक्य प्लेस, पंखा रोड, जनकपुरी, नई दिल्ली का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि उसे साइबर ठगी के ही मामले में हैदराबाद पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वह तेलंगाना की चंचलगुडा जेल में है।

इस आधार पर डेढ़ वर्ष पहले साइबर थाना पुलिस ने इस ठगी के मुकदमे में ओनेका सोलोमन को यहां तलब कराया और मुकदमा उस पर तामील कराया। तब से वह अलीगढ़ कारागार में ही निरुद्ध है। इसके बाद एसीजेएम न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ। इस दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर शनिवार को उसे दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है।

ऐसे हुई थी ठगी
नाइजीरियन साइबर क्रिमिनल साइमन वैवाहिक विज्ञापन की साइट पर फर्जी तस्वीर लगाकर खुद का एकाउंट बनाता था। अपने बायो में वह खुद को एनआरआई रीयल एस्टेट कारोबारी बताता था। इसके बाद महिलाओं से दोस्ती गिफ्ट देने के नाम पर कस्टम चार्ज आदि के रूप में लाखों की ठगी करता था। इधर, पुलिस जांच में उजागर हुआ कि वह पांच वर्ष पहले व्यापार वीजा पर कपड़े के व्यापार के लिए दिल्ली आया था। यहां नुकसान होने पर अपने अन्य साथियों संग इस ठगी के धंधे में लग गया।

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