क्राइम
आजमगढ़ में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला: ओमान में रह रहे बेटे को फंसाने के नाम पर लाखों की ठगी
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का पहला मामला सामने आया है। इसमें ओमान में रह रहे बेटे को फसाने के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स ने पिता को सीआईडी अधिकारी (CID Officer) बनकर फोन किया और लाखों की ठगी की वारदात को अंजाम दिया। जब पिता की बेटे से बात हुई तब साइबर ठगी का पता चला। इस मामले में आजमगढ़ में मुकदमा दर्ज किया गया है।
CID अधिकारी बनकर किया डिजिटल अरेस्ट
आजमगढ़ के रहने वाले मोतीलाल के पास 6 मार्च को एक अज्ञात नंबर से फोन आया और कॉल करने वाले ने खुद को सीआईडी अधिकारी बताया। caller ने कहा कि आपके बेटे का नाम अनंत है और वह ओमान में रहता है। अनंत ने ओमान में कुछ लोगों के साथ मारपीट कर दी है और हम लोगों ने उसे एंबेसी में छुपा कर रखा है। अगर यह मामला मीडिया में आ जाता है तो 25 साल तक की सजा हो सकती है। अगर आप अपने बेटे को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो फाइन के एवरेज में रकम अकाउंट में जमा करना पड़ेगा। इसके बाद कथित सीआईडी अधिकारी ने उनके बेटे से बात कराई जिसकी आवाज बिल्कुल उनके बेटे जैसे ही थी। इसके बाद साइबर क्रिमिनल ने मोतीलाल को झांसी में लेकर कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) रखा और वह लोग लगातार मोतीलाल से बात करते रहे। उन्हें समझाते, डराते और झांसे में लेते रहे। इसके बाद सवा लाख रुपए से अधिक की रकम बेटे की सलामती के नाम पर ट्रांजैक्शन करा लिए।
क्या है डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest)
डिजिटल अरेस्ट में मोबाइल लैपटॉप से स्काइप पर वीडियो कॉलिंग या अन्य एप के जरिए किसी पर नजर रखी जाती है। उसे डरा धमका कर वीडियो कॉलिंग (Video Calling) से दूर नहीं होने दिया जाता है। यानी वीडियो कॉल के जरिए एक तरह से आरोपी को उसके घर में कैद कर दिया जाता है। इस दौरान न तो वह किसी से बात कर सकता है और न कहीं जा सकता है। उसे इतना डरा दिया जाता है कि उससे लाखों रुपये का ट्रांजैक्शन (Transaction ) के लिए मजबूर होना पड़ता है।
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ऐसे बरतें सावधानी
- किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले वीडियो कॉल पर बात ना करें।
- करियर में ड्रग्स एस होने या एन या आपत्तिजनक सामग्री होने के नाम पर फोन आए तो अलर्ट हो जाएं। इस तरह का फोन करने वाला साइबर जालसाज हो सकता है।
- अगर कोई फोन या वीडियो कॉल कर डरता धमकता हो और लगातार फोन पर या कॉल पर बने रहने की बात करता हो तो समझ जाइए की सामने वाला साइबर क्रिमिनल हो सकता है। ऐसे में तुरंत इसकी जानकारी अपने परिवार के लोगों या मित्रों को दें।
- किसी तरह के साइबर क्राइम की घटना होने के बाद आपको 1930 पर कॉल करें।
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