क्राइम
डुप्लिकेट सिम से ठगों ने उड़ाए 68.5 लाख रुपये, पीड़ित ग्राहक को वोडाफोन आइडिया करेगी पेमेंट,जानिए पूरा मामला

राजस्थान आईटी विभाग ने हाल ही में दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया को अपने एक ग्राहक को 27.5 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। ग्राहक का डुप्लीकेट सिम बिना किसी वैरिफिकेशन के ही जारी कर दी गया था। इसके जरिए जालसाज ने ग्राहक के खाते से 68.5 लाख रुपये निकाल लिया। ग्राहक पहचान दस्तावेजों के उचित सत्यापन के बिना दूरसंचार कंपनी द्वारा जारी किए गए डुप्लिकेट सेलफोन सिम कार्ड का उपयोग करके उसके खाते से धन अवैध रूप से ट्रांसफर कर दिया गया। कंपनी ने भानु प्रताप नाम के व्यक्ति को डुप्लिकेट सिम जारी किया था, जो किसी और व्यक्ति था। उसने ग्राहक के आईडीबीआई बैंक अकाउंट से 68.5 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर दिए।
पीड़ित कृष्णा लाल नैन कथित तौर पर पांच दिनों के बाद अपने सिम का उपयोग कर सके और फिर उसके खाते से पैसे निकलने के मैसेज आए। उन्होंने मामले की शिकायत की और कंपनी से आईटी एक्ट के तहत मुआवजे का दावा किया। पुलिस में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। 68 लाख रुपये में से करीब 44 लाख रुपये ग्राहक को लौटा दिए गए। अब बाकी के रकम के लिए पीड़ित के वकील निशीथ दीक्षित ने आईटी अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई।
कृष्ण लाल नैन के वोडाफोन आइडिया मोबाइल नंबर ने 25 मई, 2017 को काम करना बंद कर दिया। उन्होंने हनुमानगढ़ में टेलीकॉम कंपनी के स्टोर पर जाकर शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, उन्हें एक नया नंबर मिला, लेकिन बार-बार शिकायत के बावजूद यह निष्क्रिय रहा। वह जयपुर में कंपनी के एक स्टोर में गए और फिर से सिम एक्टिवेशन के लिए शिकायत दर्ज कराई, जो अगले दिन हुई। तब तक, डुप्लीकेट सिम पाने वाले अपराधी ने जेनरेट किए गए ओटीपी का उपयोग करके नैन के आईडीबीआई बैंक खाते से 68.5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए थे।
मामले की सुनवाई आईटी और संचार के निर्णायक अधिकारी और प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने की। उन्होंने अपने आदेश में वोडाफोन पर 27.23 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उन्होंने कंपनी को एक महीने के भीतर पीड़ित पक्ष को राशि देने का आदेश दिया। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर प्रति वर्ष 10 प्रतिशत ब्याज देना होगा। ध्यान दें कि वोडाफोन आइडिया के पास हाई कोर्ट और न्यायाधिकरणों में आदेश को चुनौती देने का विकल्प है।