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क्राइम

अपनों की है तलाश तो हो जाएं अलर्ट, वरना हो सकते हैं ठगी के शिकार

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अपनों की है तलाश तो हो जाएं अलर्ट, वरना हो सकते हैं ठगी के शिकार

कहीं आप भी गुमशुदा की तलाश में तो नहीं है? अगर हां, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि अपनों को तलाश करने वालों के साथ साइबर जालसाज ठगी कर रहे हैं। हाल ही में यूपी से ऐसे कई केस सामने आए है।

साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक, क्रिमिनल ऐसे लोग जो अपनों की तलाश कर रहे है, उनसे ऐसे लोग रुपये मांग कर ठगी की वारदात को अंजाम दें रहे है। इनमें से कई ऐसे मामले भी सामने आए है, जिसमें जालसाज फर्जी पुलिस बनकर ठगी कर रहे है।

केस 1

पहला केस कानपुर के किदवई नगर से है। राम सजीवन की पत्नी शांति देवी अगस्त माह में मंदिर में पूजा करने के लिए निकली थी। उन्हें भूलने की भी बीमारी थी। जिसके बाद वह कई दिनों तक घर वापस नहीं आई। अपनी पत्नी की तलाश में राम सजीवन ने कई जगह पर पोस्टर भी लगाएं। जिसके बाद एक दिन उन्हें कॉल आई और कॉल करने वाले जालसाजों ने खुद को क्राइम ब्रांच का दरोगा बताया।

साइबर ठगों ने राम सजीवन को कॉल करके बताया कि उनकी पत्नी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिली है। वहां, ट्रेन से जाने में समय लगेगा। इसलिए वाहन की व्यवस्था करवा दें। इतना सुनकर राम सजीवन ने गाड़ी बुक करने से साथ ही 50 हजार रुपये भी भेज दिए। इसके बाद साइबर ठगों ने फोन नहीं उठाया।

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केस 2

दूसरा मामला भी यूपी से है। अलीगंज में रहने वाले रोहित अग्रवाल की बेटी अचानक से गायब हो गई। जिसके बाद रोहित ने अपनी बेटी को ढूंढने की कोशिश में जगह-जगह पर फोन नंबर भी उपलब्ध कराया। उनके पास भी साइबर ठगों की कॉल आई। कॉलर ने खुद को पुलिस बताया और कहां कि उनकी बेटी उन्हें झांसी में मिली है। विभाग से कोई गाड़ी नहीं आई है और गाड़ी करने में 30 हजार रुपये खर्च होंगे। जल्दी भेजकर बच्चे को बरामद कर लें। पैसे भेजते ही जिस नंबर से कॉल आई थी वह स्विच ऑफ हो गया। जिसके बाद रोहित समझ गए उनके साथ ठगी हुई है।

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ठगी से बचने का तरीका

गुमशुदा की तलाश करने वालों को चूना लगाने का ठगों का यह नया तरीका सामने आया है। साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि ऐसे में सावधान रहें। कोई भी अगर खुद को पुलिसकर्मी बताए तो ध्यान दें वह नंबर 945440 से शुरू हो, तो ही भरोसा करें। ये फोन नंबर पुलिस का सीयूजी नंबर होता है। जो कभी भी किसी गुमशुदा की बरामदगी के लिए पैसों की डिमांड नहीं करती है।

 

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