क्राइम
देश में 11 फीसदी बढ़े Cyber Crime के मामले, 60 % धोखाधड़ी से जुड़े, कई राज्यों में Cyber Crime Cell नहीं
देश में साइबर अपराध (Cyber Crime) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक साल 2020 में साइबर अपराध के मामलों (Cyber Crime Cases) में 11 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। गृह मंत्रालय (MHA) ने गृह समिति को इसकी जानकारी दी है। वहीं देश के कई राज्यों में साइबर क्राइम सेल (Cyber Crime Cell) नहीं हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, “भारत में साल 2017 में साइबर अपराध के 21,796 मामले दर्ज किए गए थे। 2018 में ये मामले बढ़कर 27,248 हो गए थे। साल 2019 में साइबर अपराध के 44735 मामले दर्ज किए गए और इसके अगले साल यानी 2020 में ये आंकड़ा 50,035 तक पहुंच गया। 2019 के मुकाबले साल 2020 में साइबर अपराध के मामलों में 11.8 फीसद का इजाफा देखा गया। ये आंकड़े एनसीआरबी की रिपोर्ट “भारत में अपराध 2020″ से लिए गए हैं।”
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अपराध दर 2019 में 3.3 फीसद से बढ़कर 2020 में 3.7 फीसद हो गई
इस श्रेणी के तहत अपराध दर 2019 में 3.3 फीसद से बढ़कर 2020 में 3.7 फीसद हो गई। 2020 में दर्ज किए गए साइबर अपराध के 60.2 प्रतिशत मामले (30,142) धोखाधड़ी के थे। वहीं, यौन शोषण के 6.6 फीसद (3,293) और वसूली के 4.9 फीसद (2,440) मामले थे। गृह समिति साइबर स्पेस में मामलों के बढ़ने से चिंतित है, क्योंकि साइबर अपराधी ऐसे अपराधों को अंजाम देने के लिए नए तौर-तरीकों का सहारा लेते हैं।
कई राज्यों में नहीं है साइबर क्राइम सेल
पुलिस को सौंपी गई समिति की रिपोर्ट के अनुसार, पैनल के ध्यान में लाया गया है कि पंजाब, राजस्थान, गोवा, असम जैसे कुछ राज्यों में एक भी साइबर क्राइम सेल नहीं है, जबकि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में केवल एक या दो साइबर क्राइम सेल स्थापित हैं। समिति ने सुझाव दिया कि गृह मंत्रालय राज्यों को सभी जिलों में साइबर सेल स्थापित करने की सलाह दे सकता है।
साइबर सेल को अपग्रेड करने की भी सिफारिश
समिति ने डार्क वेब मानिटरिंग सेल और सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल की स्थापना करके मौजूदा साइबर सेल को अपग्रेड करने की भी सिफारिश भी की है। समिति ने कहा कि पुलिस बल में तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करने की आवश्यकता है। बता दें कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के नेतृत्व में गृह मामलों की स्थायी समिति ने गुरुवार को पुलिस-प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और सुधारों पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। यह रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई।
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