क्राइम
Chakshu प्लेटफॉर्म हुआ लॉन्च, तोड़ देगा साइबर क्राइम की कमर; जानें इसके बारे में
भारत में एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू हुआ है, जो लोगों को साइबर ठगों की ओर से किए गए कॉल और टेक्स्ट मैसेज पहचानने में मदद करेगा। इससे लोगों को चूना लगाने के लिए तकनीक का उपयोग करने वाले अज्ञात अपराधियों के खिलाफ सुरक्षा और मजबूत होगी। दूरसंचार विभाग का नया प्लेटफॉर्म चक्षु फ्रॉड कॉल और मैसेज की रिपोर्टिंग को सरल बनाता है। इसके अलावा तुरंत कई हितधारकों के बीच व खुफिया जानकारी साझा करने में मदद करता है।
आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा, ” चक्षु भारतीय नागरिकों को धोखाधड़ी रिपोर्ट करने में मदद करेगा। भले ही वह कॉल, एसएमएस या व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर प्राप्त हुआ हो। एक बार ऐसी जानकारी प्राप्त होने पर, प्लेटफॉर्म वैरिफिकेशन शुरू कर देगा और इसके विफल होने पर नंबर काट दिया जाएगा।”
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धोखाधड़ी के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें अपराधी बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को उनके बैंक खातों या गैस और बिजली कनेक्शन के विवरण अपडेट करने के लिए संपर्क करते हैं। पिछले महीन, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने लोगों को ठगों से बचाने में मदद करने के लिए घरेलू दूरसंचार नेटवर्क पर कॉलर पहचान को एक डिफॉल्ट सुविधा के रूप में पेश करने के लिए अपनी अंतिम सिफारिशें प्रकाशित कीं।
चक्षु का वर्तमान में आम लोग इस्तेमाल नहीं कर सकते
वैष्णव ने कहा कि ट्राई चक्षु ऐप बनाने पर काम कर रहा है और सरकार प्लेटफॉर्म के माध्यम से धोखाधड़ी से सुरक्षा में सुधार के लिए ट्रूकॉलर जैसी निजी कंपनियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है। चक्षु का वर्तमान में आम लोग इस्तेमाल नहीं कर सकते। दूरसंचार कंपनियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और पहचान दस्तावेज जारी करने वाले अधिकारियों के बीच एक सूचना विनिमय और समन्वय एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
प्लेटफॉर्म में कैसे करेगा काम
प्लेटफॉर्म में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग में पाए गए मामलों की जानकारी भी होगी। वैष्णव ने कहा कि सरकार अनजाने में काटे गए कनेक्शन की रिपोर्ट करने के लिए एक शिकायत निवारण मंच भी बनाएगी, साथ ही परिणामस्वरूप जमा हुए धन को वापस करने के लिए एक तंत्र भी बनाएगी। चक्षु विभिन्न हितधारकों द्वारा कार्रवाई के लिए संचार साथी प्लेटफॉर्म पर लोगों के अनुरोध पर बैकएंड रिपॉजिटरी के रूप में कार्य करेगा।
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साइबर अपराध पर नकेल कसने मदद कर रहा संचार साथी
लोगों के खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने या ब्लॉक करने और पहचान की चोरी की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए पिछले साल मई में लॉन्च संचार साथी किया गया था अब तक 700,000 से अधिक मोबाइल फोन का पता लगाने और 6.7 मिलियन से अधिक संदिग्ध बातचीच का पता लगाने में मदद कर चुका है। प्लेटफॉर्म ने लोगों को संभावित नुकसान से 1,000 करोड़ रुपये बचाने में भी मदद की है।