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लिव-इन में रहने वाली लड़की क्या घरेलू हिंसा की रिपोर्ट करा सकती है? जानें

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घरेलू हिंसा अधिनियम-2005 (Domestic violence) कानून को इन 6 सवालों से समझें

देश में अभी भी 70 फीसदी महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं। यानी हर 10 से में 7वीं महिला किसी न किसी रूप मेंं प्रताड़ना झेल रही है। कहीं आप भी घरेलू हिंसा की शिकार तो नहीं हो रहीं हैं? घरेलू महिला हिंसा कानून के तहत अगर आप लिव-इन में रहती हैं तो भी आप अपने पार्टनर के खिलाफ शिकायत कर सकती हैं। घरेलू महिला हिंसा अधिनियम-2005 को इन सवालों के जवाब के जरिए आप समझ सकते हैं।

सवाल : क्या सिर्फ मारपीट करना ही इस एक्ट में शामिल है या फिर मानसिक प्रताड़ना भी?

जवाब : घरेलू हिंसा में महिला के साथ किसी भी तरह की हिंसा या प्रताड़ना करना इसमें शामिल है। महिला के साथ मारपीट की गई हो या फिर मानसिक तौर पर उसे प्रताड़ित किया गया हो, दोनों ही घरेलू हिंसा के तहत अपराध है। मानसिक हिंसा के तहत महिला को गाली-गलौज देना, उसे ताने मारते रहना, बच्चे या खाना बनाने को लेकर भावनात्मक रूप से ठेस पहुंचाना भी इसमें शामिल है। पैसे मांगने पर नहीं देना या पैसे छीन लेना भी इसी के तहत आता है।

सवाल : कई बार घरेलू हिंसा की शिकायत सबसे पहले पत्नी को घर से निकाल देता है ऐसे में इस डर से शिकायत नहीं कर पाते, तो क्या करें?

जवाब : यह बात सही है कि घरेलू हिंसा के अधिकतर मामले में शिकायत करने या ऐसा महसूस होने पर ही पति या उसके घर वाले विवाहिता को घर से निकाल देते हैं। ऐसे में समाज में बदनामी के डर से महिलाएं शिकायत करने में कतराती हैं। लेकिन कानून बनाते समय पहले ही यह सोच लिया गया था कि ऐसा होगा। इसलिए कानून में यह प्रावधान रखा गया है कि विवाद के दौरान भी पत्नी को उसी घर में रहने का पूरा अधिकार है। किसी भी तरह से पति या अन्य कोई विवाहिता को घर से नहीं निकाल सकता है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ पुलिस तुरंत एक्शन लेगी।

सवाल : घरेलू हिंसा की शिकायत करने के बाद भी अगर उसी घर में जाना पड़े तो क्या फिर जान का खतरा नहीं बढ़ जाएगा?

जवाब : बिल्कुल। जान को खतरा हो सकता है। इसीलिए इसे भी ध्यान में रखते हुए कानून में यह है कि अगर विवाहिता उस घर में नहीं रहना चाहती और कोर्ट से सुरक्षित स्थान की मांग करती है, तो महिला के पति को कोर्ट आदेश दे सकती है कि वह सुरक्षित जगह पर रखे। इस तरह आप सुरक्षित रहेंगी।

सवाल : क्या घरेलू हिंसा के तहत लिव-इन पार्टनरशिप में रहने वाली लड़की भी शिकायत कर सकती है?

जवाब : हां, शिकायत कर सकती हैं। इस कानून के तहत न सिर्फ शादीशुदा महिलाएं बल्कि लिव-इन-पार्टनर में रहने वाली अविवाहित लड़की भी शिकायत दर्ज करा सकती है। वह अपने पार्टनर के खिलाफ मारपीट करने, भावनाओं को ठेस पहुंचाने की भी शिकायत कर सकती है।

सवाल : मैं नौकरी करना चाहती हूं लेकिन परिवार व पति मना कर रहे हैं तो क्या इसकी शिकायत कर सकती हूं?

जवाब : हां, बिल्कुल। दरअसल, घरेलू हिंसा में केवल शारीरिक या मानसिक शोषण ही नहीं आता बल्कि किसी को नौकरी करने से रोकना भी शामिल है। यही नहीं, अगर आप नौकरी नहीं करना चाहती हैं और दबाव डालकर आपसे नौकरी या कोई काम कराया जा रहा है तो यह भी घरेलू हिंसा के तहत ही आता है। इसके लिए आप घरेलू हिंसा कानून के तहत शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

सवाल : शिकायत करने पर क्या कोर्ट की तरह इसकी प्रक्रिया भी लंबी होती है? इसमें दोषी को कितनी सजा का प्रावधान है।

जवाब : नहीं, इसमेें कानूनी प्रक्रिया ज्यादा लंबी नहीं है। घरेलू हिंसा के मामलों में 60 दिनों के भीतर ही फैसला देने का प्रावधान है, जिससे जल्द से जल्द न्याय मिल सके। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 1 साल की सजा और 20 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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