क्राइम
महाराष्ट्र TET परीक्षा में बड़ा घोटाला, आईएएस अधिकारी गिरफ्तार, कुल 13 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी, जानें- क्या है पूरा मामला

पुणे की साइबर क्राइम पुलिस ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले से एक आईएएस अधिकारी को 2020 में आयोजित राज्यव्यापी शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के परिणामों में कथित धांधली के मामले में गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। मामला 7800 फेल छात्रों को पैसे लेकर पास करने का है। पुणे पुलिस अधिकारी ने कहा, “नौकरशाह सुशील खोडवेकर को ठाणे से गिरफ्तार किया गया है। उसे आज एक अदालत में पेश किया जाएगा। इसके साथ मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या 13 हो गई है।”
शहर की पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि 7,800 टीईटी-2020 उम्मीदवारों के अंकों के साथ कथित तौर पर पैसे के बदले हेराफेरी की गई। इससे पहले, महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद (MSCE) के आयुक्त (अब निलंबित) तुकाराम सुपे सहित 12 लोगों को टीईटी परिणामों में कथित धांधली के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों में जी ए सॉफ्टवेयर फर्म (GA SoftWare Farm) के निदेशक प्रीतेश देशमुख शामिल हैं, जो परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार थे। इसके अलावा शिक्षा विभाग के सलाहकार अभिषेक सावरीकर भी गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में पूर्व में 4 करोड़ रुपये से अधिक नकद, सोने के गहने और सावधि जमा से संबंधित अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
क्या है मामला
पुणे पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने पाया है कि घोटालेबाजों ने 50,000 रुपये से 60,000 रुपये लेकर 2019-20 के शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में असफल होने वाले 7,880 उम्मीदवारों के अंक बढ़ा दिए। पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा, “हमारी जांच के दौरान यह पता चला है कि 7,880 फेल या नौकरी के लिए अपात्र उम्मीदवारों को 2019 में आयोजित परीक्षा में पास घोषित किया गया था। इसके लिए अंकों में हेराफेरी की गई थी। हमारी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। और गिरफ्तारियां की जाएंगी और जानकारी सरकार के साथ साझा की जा रही है। इसकी जांच हो रही है कि परीक्षा में पास होने के लिए उम्मीदवारों ने आरोपियों को कितना पैसा दिए । कोर्ट में भी जानकारी जमा की जा रही है।’
16,592 उम्मीदवारों को योग्य घोषित किया गया था
जांच से यह भी पता चला कि परीक्षा के दौरान 16,592 उम्मीदवारों को योग्य घोषित किया गया था। महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद (MSCE) के पूर्व आयुक्त सुखदेव डेरे को पिछले साल दिसंबर के अंत में टीईटी परिणामों में हेरफेर मामले में पुणे पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था। डेरे ने 2017 में तुकाराम सुपे के पदभार संभालने से पहले MSCE के आयुक्त के रूप में काम किया था। सुपे को शहर की पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था और उनके पास से 2.5 करोड़ रुपये का सोना और नकदी बरामद हुई थी।
डेरे को 2016 में विभागीय जांच और कार्रवाई का सामना करना पड़ा
डेरे को 2016 में विभागीय जांच और कार्रवाई का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने औरंगाबाद में क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में कार्य किया था। यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की। डेरे को जीए सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक अश्विन कुमार के साथ गिरफ्तार किया गया था। कंपनी के वर्तमान निदेशक प्रीतेश देशमुख को भी गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी को लखनऊ से गिरफ्तार किया, जो दुबई जाने के लिए वीजा प्राप्त करने के बाद देश छोड़ने वाला था।
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