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सावधान ! WhatsApp नहीं है सुरक्षित प्लेटफॉर्म, निजी जानकारी न करें शेयर, साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने किया सचेत

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सावधान ! WhatsApp नहीं है सुरक्षित प्लेटफॉर्म, निजी जानकारी न करें शेयर, साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने किया सचेत

हाल ही में इंसटेंट मैसेजिंग सर्विस एप व्हाट्सएप (WhatsApp) पर एक बड़ा स्कैम सामने आया था। Rediroff.ru नाम के इस फिशिंग स्कैम के जरिए धोखेबाज सोशल इंजीनियरिंग मेथड का इस्तेमाल करके यूजर्स के निजी और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी ले लेते हैं।

जालसाज सबसे पहले यूजर्स को व्हाट्सएप (WhatsApp) पर लिंक भेजते थे। जब कोई व्यक्ति लिंक पर क्लिक करता तो नया वेबपेज खुलता। इस वेबपेज पर जानकारी होती है कि सर्वे करके यूजर अच्छा इनाम जीत सकते हैं। इस सर्वे की आड़ में यूजर्स की सारी जानकारी स्कैमर्स के पास पहुंच जाती।

मामला बस इतनी ही नहीं है। व्हाट्सएप के यूजर्स को चेतावनी दी गई है कि स्कैमर्स उनकी पहचान चुराने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अलर्ट रहने की दरकार है। साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्पर्सकी ( Kaspersky) ने इसे लेकर चेताया है। कंपनी के डायरेक्टर दिमित्री बेस्टुज़ेव का कहना है कि व्हाट्सएप में यूजर सिक्योरिटी को लेकर कई खामियां हैं। व्हाट्सएप पर यजूर्स को किसी भी तरह की अपनी निजी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए।

www.express.co.uk की एक खबर के अनुसार दिमित्री बेस्टुजेव ने स्पेनिश न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यह जानना काफी अहम है कि व्हाट्सएप एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है। हालांकि कई लोग मानते हैं कि यह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि स्कैमर्स की व्हाट्सएप यूजर्स के डेटा पर नजर है और वे बड़े मौके की ताक में हैं।

दिमित्री बेस्टुजेव ने कहा कि लोगों को व्हाट्सएप से लेकर अन्य किसी भी सोशल मीडिया या फिर एप के माध्यम से अपनी निजी जानकारी किसी के साथ कभी भी साझा नहीं करनी चाहिए। बहुत से लोग अपनी निजी जानकारी साझा करते हैं और साइबर ठग इसका फायदा उठाकर उनके बैंक खाते का कंट्रोल हासिल कर लेते हैं।

साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के प्रमुख का कहना है कि व्हाट्सएप पर स्कैम से सुरक्षित नहीं है क्योंकि ठगों का टारगेट दुनिया भर में मैसेजिंग सर्विस के लगभग 200 करोड़ यूजर्स का फायदा उठाना है। वे इसके लिए ‘सिम-स्वैपिंग’ (SIM swapping) का इस्तेमाल करते हैं। सिम स्वैपिंग तभी होती है जब स्कैमर्स किसी यजूर्स के फोन नंबर को क्लोन करते हैं और उसे एक नए सिम कार्ड में यूज करते हैं। इस तरह के उनके पास यजूर का निजी जानकारी और तमाम पासवर्ड आ जाते हैं। कुछ मामलों में स्कैमर्स फ्रॉड कॉल करके यूजर्स का डेटा चुराने का काम करते हैं।

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