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सावधान! कहीं आप तो नहीं हुए DDA के नाम से बनी फेक वेबसाइट के शिकार?

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सावधान! कहीं आप तो नहीं हुए DDA के नाम से बनी फेक वेबसाइट के शिकार?

दुनिया में साइबर क्राइम के कई अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं। समझ ही नहीं आ रहा कि किस चीज से सावधान रहें और किस पर भरोसा करें। कभी यूट्यूब लिंक तो कभी व्हाट्सएप, कभी UPI तो कभी Paytm, कभी वेबकैम तो कभी SMS Link साइबर फ्रॉड ठगी करने के रोज नए-नए तरीके लेकर सामने आ रहे हैं। हम जानते हैं ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल होगें। इन सभी सवालों का एक ही जवाब है सावधान रहें और सतर्क रहें। खतरा तो कहीं से भी आ सकता है लेकिन आपने सुना होगा अपनी सेफ्टी अपने ही हाथों में होती है।

हाल ही में एक और साइबर क्राइम का केस सामने आया है। यदि आप भी DDA Flat पाने के लिए वेबसाइट ढूंढ रहे हैं तो संभल जाएं क्योंकि इस बार साइबर अपराधियों ने ठगी करने के लिए एक और नया तरीका निकाला है। वे इस बार वेबसाइट की आड़ में लोगों को लूटने की ताक में बैठे हैं।

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शातिरों ने DDA का LOGO लगाकर न सिर्फ वेबसाइट बनाई है, बल्कि सर्च करने पर ये साइट टॉप पर भी दिखाएगी आएगी। आप जैसे ही इस पेज पर क्लिक करेंगे, यह आपको एक दूसरे पेज पर लेकर चले जाएगा। जहां आपको नाम, पता, नंबर, बैंक डिटेल और Flat की एडवांस बुकिंग करने के लिए कहा जाएगा। इस फेक वेबसाइट से आपको सतर्क रहना है। कई लोग इस वेबसाइट के शिकार हो चुके हैं। ताजा मामला साइबर सेल नॉर्थ की पुलिस दर्ज किया है, जिसकी जांच जारी है।

बना दी DDA के जैसी वेबसाइट

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, पीड़ित शख्स अपने परिवार के साथ Shalimar Garden में रहते हैं। पुलिस को दिए बयान के मुताबिक, वह इंटरनेट पर डीडीए फ्लैट ढूंढ रहे थे। इस दौरान उन्हें एक वेबसाइट ‘https://ddaflat.org.in/’ सबसे ऊपर दिखी। इसमें आवेदन की आखिरी तारिख लिखी हुई थी। जिसे देख पीड़ित ने उस नकली वेबसाइट पर क्लिक कर अप्लाई कर दिया। क्लिक करते ही एक दूसरा पेज खुल गया, जहां विवरण भरने के लिए कहा गया। इसके बाद एक यूजरनेम और पासवर्ड तैयार हो गया। वहां से वह एक दूसरे पेज पर खुला। जहां आवेदन शुल्क के तौर पर 75,000/- मांगे गए। पीड़ित ने क्यूआर कोड को स्कैन कर 75 हजार रुपये भर दिए।

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बैंक खाते से साफ हुए 1 लाख रुपये

इसके बाद वेबसाइट ने दोबारा एनओसी के लिए 25,000 जमा कराया। एक और क्यूआर कोड वेबसाइट सामने आया। पीड़ित ने उसे स्कैन कर 25,000/- भी फिर दे दिए। इसके बाद वेबसाइट ने सिक्योरिटी मनी के तौर पर 5.5 लाख जमा करने के लिए कहा, जिस पर इन्हें शक होना शुरू हो गए। इसके बाद पीड़ित ने डीडीए ऑफिस में फोन कर इस बारे में पूछताछ की। तब जाकर पता चला कि यह तो डीडीए फ्लैट के नाम से फेक वेबसाइट बनी हुई है, जिसकी आड़ में साइबर फ्रॉड ठगी कर रहे हैं। मामले में नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (National Cyber Crime Patrol) पर कंप्लेंट दर्ज कराई। वहां से नॉर्थ जिला साइबर को यह शिकायत ट्रांसफर कर दी गई है।

साइबर क्राइम से सुरक्षित रहने के लिए इन बातों का जरूर रखें ध्यान

* किसी भी यूट्यूब वीडियो के Discription या Comments में दिए गए लिंक पर क्लिक ना करें।

* यूट्यूब वीडियोज के जरिए कोई Software या App Download ना करें।

* ज्यादातर वीडियोज में Premiere Pro, Adobe Photoshop, Autodesk 3ds Max और AutoCAD जैसे सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है।

* हमेशा लाइसेंस्ड सॉफ्टवेयर का ही प्रयोग करें या फिर उनका ऑनलाइन इस्तेमाल करें

* किसी भी वेबसाइट पर पैसे जमा करने से पहले उसकी अच्छे से जांच कर लें।

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ठगी का शिकार होने पर क्या करें

साइबर क्राइम से निपटने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। यदि आप साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं तो तुरंत 1930 डायल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। ये एक इमरजेंसी नंबर की तरह काम करेगा। इस पर शिकायत दर्ज कराने पर तुरंत एक्शन लिया जाता है।

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