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AI Deepfake तकनीक की मदद से एक व्यक्ति से 40 हजार की ठगी, जानें इससे बचने का तरीका

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AI Deepfake तकनीक की मदद से एक व्यक्ति से 40 हजार की ठगी, जानें इससे बचने का तरीका

दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को लेकर काफी चर्चा हो रही है। लोग इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा  जानने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है और काम करना आसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ साइबर स्कैमर्स एआई की डीपफेक (Deep Fake) तकनीक का गलत इस्तेमाल भी कर रहे हैं। अब एआई की मदद से धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ने लगे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डीपफेक तकनीक की मदद से केरल के एक व्यक्ति के साथ 40 हजार रुपये की ठगी हुई है। शिकायत करने वाले शख्स का नाम राधाकृष्ण है जिसके साथ फ्रॉड हुआ है।

राधा कृष्ण के साथ कैसे हुई ठगी ?

आपको बता दें, स्कैमर ने धखाधड़ी को अंजाम देने के लिए खुद को सहकर्मी होने का दावा किया और अस्पताल में एक रिश्तेदार के इलाज के लिए पैसे मांगे। राधाकृष्ण का दिल पसीज आया और उन्होंने 40 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। हालांकि, राधाकृष्ण ने इस तरह के फ्रॉड के बारे में पहले सुना था, तो वह पूरी तरह अश्वस्थ होने के लिए कॉल करने के लिए कहा, फिर उस शख़्स ने विडियो कॉल किया। जिसके बाद राधाकृष्ण को तसल्ली हुई और उन्होंने 40 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।

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राधा कृष्ण का कहना है कि उन्होंने सतर्कता बरती थी, लेकिन उन्हें ठगा जा चुका था। उनका दावा है कि उन्हें डीपफेक के जरिये झांसा दिया गया। जिसके बाद इसकी शिकायत कोझिकोड के साइबर क्राइम पुलिस थाने में की ।

डीपफेक एआई क्या है?

डीपफेक का मतलब है कि किसी भी शख्स की तस्वीर, आवाज या विडियो बना देना। ये वीडियो कॉल देखने में फर्जी नहीं लगते हैं। राधा कृष्ण के अनुसार, ऑडियो और फिर वीडियो  कॉल करने वाले फ्रॉड ने इसी तरह से उन्हें ठगा है।

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डीपफेक ब्लैकमेलिंग से कैसे बचा जाए?

– इंटरनेट इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें। किसी भी अजनबियों पर तुरंत भरोसा ना करें।

– पर्सनल डेटा ऑनलाइन किसी से शेयर न करें।

– डिवाइस और अकाउंट्स के लिए मल्टी-लेवल ऑथेंटिकेशन रखें।

– अगर कोई ऐसी मेसेज या कॉल आता है, जो संदिग्ध लग रहा, तो परिचित को उसके पर्सनल नंबर पर पहले कंफर्म करें।

 

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