क्राइम
जामताड़ा के बाद झारखंड के ये गांव बनगए हैं साइबर ठगी के गढ़, छोटी उम्र में युवक बने अकूत संपत्ति के मालिक
जामताड़ा का नाम सामने आते ही सभी के दिमाग में साइबर ठगी ख्याल आता है, लेकिन अब दैनिक भास्कर एक रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि झारखंड के सोनबाद और कपसा गांव भी साइबर ठगी के गढ़ बनगए हैं। यही नहीं इन गांवों में कुछ युवक छोटी उम्र में अकूत संपत्ति के मालिक बन चुके हैं। जामतड़ा से मात्र छह किलोमीटर दूर सोनेबाद गांव में आनंद रक्षित का सबसे आलीशान मकान है। आनंद के पिता कबाड़ का काम करते हैं।
गांव वालों के अनुसार छह साल पहले तक आनंद के परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी। उनके जीवन में काफी तकलीफ होती थी। हालत इतने खराब थे कि दो वक्त की रोटी का प्रबंध भी मुश्किलों से होता था, लेकिन अचानक इनके रहन सहन में बदलाव दिखने लगा। पुलिस के अनुसार आनंद फरार है, उसके घर से बोरों में छिपाए गए 21 लाख रुपये और करोड़ों रुपये की संपत्ति के कागजात मिले हैं।
जानकारी के अनुसार आनंद पांच साल पहले साइबर ठगों के संपर्क में आया था। एक बार वह साइबर ठगी के मामले में भी गिरफ्तार भी हो चुकी है, लेकिन जमानत पर बाहर आते ही फिर वह लोगों को चूना लगाने लगा। जामतड़ा के अलावा आनंद की कोलकाता,धनबाद और रांची में भी प्रॉपर्टी है।
कुछ ऐसा ही मामला झारखंड के देवघर से 40 किलोमीटर दूर कपसा नाम के गांव में भी सामने आया है। पिछले दिनों इस गांव के 5 युवक साइबर ठगी के अपराध में गिरफ्तार हुए हैं। समाउन अंसारी के दो बेटे भी इन पांच युवकों में शामिल थे। समाचार पत्र दैनिक भास्कर की टीम जब इस गांव में पहुंची तो अंसारी के घर को देखकर दंग रह गई। घर के हर एक कमरे में एसी के साथ सुख सुविधाओं की सारी व्यवस्था है, मखमली घास से लेकर लखटकिया झूमर तक इस बंगले की शान को बढ़ा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार समाउन ईसीएल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। यह युवकों तमाम एप्स के माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। ये लोग ई-वॉलेट कस्टमर्स को कैशबैक का रिक्वेस्ट भेजते थे, इसके बाद गेमिंग एप के माध्यम से ठगी को अंजाम दिया करते थे। इसके अलावा शॉपटॉपवन नाम की ऑनलाइन शॉपिंग साइट का भी इस्तेमाल करते थे।
Follow The420.in on Facebook, Twitter, LinkedIn, Instagram, YouTube & Telegram