क्राइम
भारत में ‘साइबर कमांडो’ से अमेरिका में कार बिक्री में बाधा तक, FCRF लेकर आया है साइबर क्राइम से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स: [26.06.24]
भारत में शेयर मार्केट में निवेश को लेकर काफी धोखाधड़ी हो रही है। इस बीच गृह मंत्रालय ऑनलाइन अपराधों से निपटने के लिए ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष इकाई स्थापित करने तैयारी में है। अमेरिका में CDK ग्लोबल पर साइबर अटैक के कारण कार बिक्री बधित हो गई है। इसके पीछे रूसी हैकर्स का नाम सामने आ रहा है। फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRF) इस खबर में साइबर क्राइम से जुड़े ऐसे ही 10 बड़े अपडेट्स लेकर आया है।
1. ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने के लिए ‘साइबर कमांडो’ होंगे तैनात किए
गृह मंत्रालय (MHA) ऑनलाइन अपराधों से निपटने के लिए ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष इकाई स्थापित करने की योजना बना रहा है। इस इकाई में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और निजी क्षेत्र के साइबर विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस साल के बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है। गृह मंत्रालय साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए “साइबरदोस्त” ऐप भी विकसित कर रहा है।
2. नवी मुंबई साइबर सेल ने इंदौर में फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा; मुख्य संदिग्ध गिरफ्तार
नवी मुंबई साइबर सेल ने इंदौर में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। इसमें 21.71 लाख रुपये के ट्रेडिंग स्कैम के मुख्य आरोपी यश उमरकर को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, आठ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने देवास में एक अन्य कॉल सेंटर पर छापा मारा, जिसमें उमरकर द्वारा डेटा नष्ट किए जाने के बावजूद उपकरण जब्त किए गए। लोगों से साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने का आग्रह किया गया है।
3. ऑनलाइन रिव्यू स्कैम में वडोदरा के डॉक्टर से 45 लाख रुपये की ठगी
वडोदरा के एक डॉक्टर को साइबर जालसाजों ने रेटिंग और रिव्यू स्कीम के माध्यम से तुरंत पैसे देने का वादा करके 45 लाख रुपये की ठगी की। शुरुआत में छोटे-छोटे भुगतान प्राप्त करने के बाद डॉक्टर ने बड़ी रकम कुल 45 लाख रुपये, विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब वह पैसा नहीं निकाल पाया, तो उसने साइबर अपराध पुलिस को धोखाधड़ी की सूचना दी।
4. मीरा-भायंदर साइबर स्कैम: 41 वर्षीय महिला ने शेयर निवेश धोखाधड़ी में 55.44 लाख रुपये गंवाए
मीरा रोड की 41 वर्षीय महिला से शेयर बाजार विशेषज्ञ बनकर फर्जी ट्रेडिंग ट्यूटोरियल और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए साइबर ठगों ने 55.44 लाख रुपये ठग लिएए। हाई रिटर्न होने के बावजूद, वह पैसे नहीं निकाल पाई। तीन पीड़ितों ने 75.85 लाख रुपये की संयुक्त एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने इस तरह के निवेश को लेकर स्कैम से सावधान रहने की सलाह दी।
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5. साइबर अपराध में वरिष्ठ नागरिक से 30 लाख रुपये ठगे गए
कुर्ला के 61 वर्षीय पूर्व बैंकर से एक व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर बाजार के निवेशक बनकर साइबर जालसाजों ने 30 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित को झूठे लाभ के दावों के झांसे देकर पैसे जमा करवाए गए, लेकिन वे उन्हें निकाल नहीं पाया। धोखाधड़ी के लिए ग्रुप एडमिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
6. ब्लैकसूट साइबर क्राइम ग्रुप CDK हैक में शामिल है
रूसी हैकर्स से जुड़ा ब्लैकसूट हैकिंग ग्रुप का नाम CDK ग्लोबल पर साइबर हमले के पीछे आ रहा है, जिसने अमेरिका में कार की बिक्री को बाधित किया है। ब्लैकसूट ने कई मिलियन डॉलर की फिरौती मांगी है। यह ग्रुप रॉयल रैनसमवेयर से भी जुड़ा हुआ है, जो लाइनक्स और विंडोज सिस्टम को निशाना बनाता है और रैनसमवेयर जैसी सर्विस का उपयोग करता है।
7. क्रिप्टो कॉन आर्टिस्ट वापस लौटे, वकील बनकर $10 मिलियन चुराए
पिछले 12 महीनों में वकील बनकर स्कैमर्स ने अमेरिकी क्रिप्टो स्कैम के पीड़ितों से $10 मिलियन चुरा लिए हैं। उन्होंने पीड़ितों की वित्तीय कमजोरी का फायदा उठाया। FBI ने अग्रिम शुल्क की मांग करने वाली नकली क्रिप्टो रिकवरी सर्विस के खिलाफ चेतावनी दी है। रैनसमवेयर से अधिक महंगे इन स्कैम ने कई पीड़ित वित्तीय संकट में फंस गए हैं।
8. हैकर ने नीमन मार्कस के ग्राहकों का डेटा 150,000 डॉलर में बेचने का प्रस्ताव दिया
नीमन मार्कस के ग्राहकों का डेटा उसके स्नोफ्लेक क्लाउड स्टोरेज से चुरा लिया गया और उसे डार्क वेब पर 150,000 डॉलर में बेचा जा रहा है। इससे 64,472 ग्राहक प्रभावित हुए, जिनके नाम, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और गिफ्ट कार्ड नंबर उजागर हो गए। मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) की कमी के कारण हुई इस चोरी ने स्नोफ्लेक का उपयोग करने वाले 165 संगठनों को प्रभावित किया।
9. साइबर क्राइम यूनिट की जांच के बाद कैरेंक्रो हाई के केयरटेकर पर बाल यौन अपराध का आरोप
लाफायेट पैरिश स्कूल के केयरटेकर कोडी टैली पर लुइसियाना साइबर क्राइम यूनिट की जांच के बाद बाल यौन अपराध के आरोप लगे हैं। टैली ने कथित तौर पर किसी ऐसे व्यक्ति के साथ ऑनलाइन बातचीत की, जिसके बारे में उनका मानना था कि वह नाबालिग है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आगे की कानूनी कार्यवाही तक उनकी अपनी पहचान पर रिहा कर दिया गया।
10. यूके और यूएस की कानून एजेंसियां किलिन के रैनसमवेयर जबरन वसूली को रोकने के लिए हुईं एकजुट
यूके और यूएस के अधिकारी एनएचएस सेवाओं सहित वैश्विक स्वास्थ्य सेवा को निशाना बनाने वाले किलिन रैनसमवेयर गिरोह के खिलाफ साथ आए हैं। सिनोविस हमले के कारण मरीजों का डेटा लीक हो गया। हालांकि, कोई फिरौती नहीं दी गई। FBI और NCA ने कई अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा उल्लंघनों की जांच की। किलिन को संभवतः रूस से समर्थन प्राप्त है। उसकी चिकित्सा सुविधाओं के लिए व्यापक साइबर खतरों के बीच जांच हो रही है।