क्राइम
FedEx से आए कॉल तो हो जाएं सतर्क, एक क्लिक में खाली हो सकता है अकाउंट
भारत में अमेरिका की कुरियर कंपनी फेडेक्स के नाम से करोड़ों की साइबर ठगी हो रही है। स्कैमर्स अपनी जाल में न सिर्फ आम जनता बल्कि सरकारी आधिकारी, रिटायर्ड मेजर जनरल और पत्रकार समेच नामचीन लोगों को भी शिकार बना ले रहे हैं। साइबर क्रिमिनल लोगों को झांसे में लेकर डराते, धमकाते हैं। कई बार डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं। आइए जानते हैं कैसे इस ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।
1 क्या आपका कुरियर मिसिंग है? 1 दबाएं
फेडेक्स से कुरियर के नाम पर ठगी एक आईवीआर कॉल से शुरू होती। इसमें कहा जाता है कि अगर आपका कोई कुरियर मिसिंग है तो 1 दबाएं। 1 दबाते ही जालसाज आपको फंसाना शुरू कर देते हैं। फोन पर कोई बात करता है। खुद तो फेडेक्स कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताया है। वह अपना इम्पलॉय आईडी तक बता देता है। ऐसे में लोग उसकी बातों को सच मान लेते हैं। इसके बाद वह कहता है कि आपने मुंबई से ताइवान कोई पैकेज बुक किया है? ताइवान की जग किसी अन्य देश का भी नाम ले सकता है। मना करने पर पूछता है कि आपका आधार कार्ड मिसिंग या आपने किसी अस्पतान या क्रेडिट के लिए आधार कार्ड की कॉपी दी है? वह ऐसी जगहों का नाम बताया जहां आम तौर पर हम डॉक्यूमेंट देते हैं।
2 परिजनों को भी होगी सजा
आगे फेडेक्स कर्मचारी कहता है कि आपके आधार कार्ड के जरिए बड़ा फ्रॉड हुआ है। आपके नाम से मुंबई से ताइवान के लिए पैकेज बुक किया गया है। इसे कस्टम डिपार्टमेंट ने पकड़ लिया है। इसमें 200 ग्राम से ज्यादा एमडीएमए (प्रतिबंधित ड्रग). 5 पासपोर्ट और 35 हजार कैश मिला है। इन बातों को सुनकर लोग डर जाते हैं। आगे वह मुंबई पुलिस के अधिकारी से बात कराने को कहता है। जहां आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद व्हाट्सएप या स्काइप के जरिए आगे बात की जाती है। फिर कोई शख्स मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर बात करता है। वह डराने की पूरी कोशिश करता है। वह कहता है कि आपके नाम से हवाला का पैसा भेजा रहा है। आपके नाम पर कई बैंक अकाउंट खोले गए हैं।
आगे कहता है कि आपके खिलाफ जिस तरह के केस दर्ज आपके परिवार वाले भी जेल जा सकते हैं। उन्हें भी 3 साल की जेल हो सकती है। फोन काटने पर लोकल पुलिस आपके घर पहुंचेगी। घर पर जो भी होगा उसे उठा ले जाएगी।
3 सीबीआई के नाम से नोटिस
इसके बाद एक सीनियर अधिकारी आपसे बात करता है। इससे पहले सीबीआई के नाम से नोटिस भेजा जाता है। इसमें कुछ डिटेल्स और सजा का प्रावधान लिखा होता है। पीडीएफ फॉर्मेट में ये नोटिस होत है। स्काइप के जरिए ही सीनियर अधिकारी को कॉल ट्रांसफर की जाती है। वह खुद को डीएसपी बताता है। वह कहता है कि गिरफ्तार नहीं होना है तो अकाउंट में जितने पैसे हैं भेज दो। वह अकाउंट नंबर भी देता है। वह यह भी कहता है कि पैसे केवल इसलिए ट्रांसफर कराए जा रहे हैं ताकि वित्त मंत्रालय से आपका अकाउंट वैरिफाई कराया जा सके। बाद में पैसे आपको भेज दिए जाएंगे।
फेडेक्स का बयान
मामले को लेकर फेडेक्स बयान भी दे चुका है। उसने कहा है, फेडेक्स किसी भी सामाम के लिए अनचाहे कॉल, मेल या ईमेल के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता। अगर किसी को इस तरह फोन आता है तो उसे सलाह दी जाती है कि वह अपनी व्यक्तिगत जानकारी प्रदान न करे। तुरंत पुलिस से संपर्क करे। साइबर अपराध विभाग को संपर्क करें |